NARELA INDUSTRIAL: एरिया पुलिस ने 3 आरोपियों को 12 छीने हुए मोबाइल फोन और चोरी की बाइक के साथ दबोचा, 7 मामले सुलझे।

NARELA INDUSTRIAL: आउटर-नॉर्थ दिल्ली में अपराधियों पर पुलिस का शिकंजा
दिल्ली के आउटर-नॉर्थ जिले में स्ट्रीट क्राइम और झपटमारी की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, नरेला इंडस्ट्रियल एरिया (NIA) थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने एक खुफिया ऑपरेशन में एक सक्रिय स्नैचर गैंग का भंडाफोड़ करते हुए दो शातिर झपटमारों और चोरी का माल खरीदने वाले एक रिसीवर सहित कुल तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी के साथ, पुलिस ने झपटमारी और वाहन चोरी के सात मामलों को सुलझाने का दावा किया है।
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आरोपियों के कब्जे से 12 छीने हुए मोबाइल फोन और अपराध में इस्तेमाल की जाने वाली एक चोरी की मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है। यह कार्रवाई DCP हरेश्वर स्वामी के मार्गदर्शन में स्ट्रीट क्राइम के खिलाफ पुलिस की जीरो-टॉलरेंस नीति का एक बड़ा उदाहरण है।
पुलिस का ऑपरेशन: खुफिया सूचना और बिछाया गया जाल
आउटर-नॉर्थ जिले में लगातार हो रही झपटमारी की घटनाओं को देखते हुए, पुलिस कमिश्नर (उत्तरी रेंज) श्री विजय सिंह के नेतृत्व में अपराधियों पर नकेल कसने के निर्देश दिए गए थे। इसी कड़ी में, नरेला इंडस्ट्रियल एरिया थाने के SHO इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव की टीम को एक गुप्त सूचना मिली।
मुखबिर ने बताया कि बवाना की जेजे कॉलोनी में कुछ शातिर झपटमार और रिसीवर चोरी के मोबाइल फोन की खरीद-फरोख्त के लिए इकट्ठा होने वाले हैं। इस पुख्ता जानकारी के आधार पर, एसीपी/नरेला श्री राकेश कुमार के पर्यवेक्षण में, हेड कांस्टेबल आशीष, दीपक, प्रदीप और जितेंद्र की एक विशेष टीम का गठन किया गया और अपराधियों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई।

बवाना की जेजे कॉलोनी में सफल गिरफ्तारी
पुलिस टीम ने 27 अक्टूबर, 2025 को मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान, यानी बवाना की जेजे कॉलोनी के बी-ब्लॉक में एक जाल बिछाया। टीम ने इलाके की घेराबंदी कर दी और सादे कपड़ों में संदिग्धों का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद, तीन युवक वहां पहुंचे जिनका व्यवहार संदिग्ध लग रहा था। जैसे ही उन्होंने आपस में चोरी के फोनों का सौदा करने की कोशिश की, मुस्तैद पुलिस टीम ने बिना कोई मौका दिए उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और सफलतापूर्वक दबोच लिया। तलाशी लेने पर उनके कब्जे से और उनकी निशानदेही पर कुल 12 मोबाइल फोन और एक चोरी की बाइक बरामद हुई, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया।
कौन हैं ये शातिर अपराधी?
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की पहचान उजागर हुई, जिससे उनके आपराधिक नेटवर्क का खुलासा हुआ।
- रोहित उर्फ मोनू जैन (22 वर्ष): बवाना की जेजे कॉलोनी का निवासी, यह गिरोह का मुख्य सरगना और एक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ पहले भी चोरी और लूट के दो मामले दर्ज हैं।
- कमरूल उर्फ कालू (22 वर्ष): बवाना की जेजे कॉलोनी का ही निवासी, यह रोहित का मुख्य सहयोगी है और उसके साथ मिलकर झपटमारी की वारदातों को अंजाम देता था।
- अब्दुल्लाह (24 वर्ष): यह भी बवाना की जेजे कॉलोनी का निवासी है। वह गिरोह के लिए ‘रिसीवर’ का काम करता था, यानी वह रोहित और कमरूल से छीने हुए मोबाइल फोन औने-पौने दामों में खरीदकर आगे बेचता था।

अपराध का तरीका: चोरी की बाइक, पलक झपकते लूट
पूछताछ में आरोपियों ने अपने अपराध करने के तरीके का खुलासा किया। वे सबसे पहले भीड़भाड़ वाले इलाकों से एक मोटरसाइकिल चोरी करते थे ताकि पकड़े जाने पर वाहन के नंबर से उनकी पहचान न हो सके। इसी चोरी की बाइक (DL 2SR 4331) का इस्तेमाल करके वे नरेला, बवाना और नरेला इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कों पर घूमते थे। उनका निशाना आमतौर पर पैदल चलने वाले या फोन पर बात कर रहे लोग होते थे। मौका देखते ही वे तेजी से पीड़ित के पास पहुंचते, पलक झपकते ही मोबाइल फोन छीनते और तेज रफ्तार बाइक से संकरी गलियों में गायब हो जाते थे।
बरामदगी का जखीरा: 12 फोन और चोरी की बाइक
इस गिरोह की गिरफ्तारी से पुलिस ने चोरी और छीने हुए सामान का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है, जिसमें शामिल हैं:
- 12 स्मार्टफोन: इनमें Realme, iQOO, OPPO, Vivo, Samsung और Tecno जैसे ब्रांडों के महंगे फोन शामिल हैं।
- 1 चोरी की मोटरसाइकिल: यह बाइक शास्त्री पार्क थाना क्षेत्र से चुराई गई थी, जिसका मामला (FIR No. 29228/2025) वहां दर्ज है।
यह बरामदगी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है, क्योंकि इससे कई पीड़ितों को उनका कीमती सामान वापस मिल सकेगा।
एक गिरफ्तारी से सुलझे 7 मामले
पुलिस के अनुसार, बरामद किए गए 12 मोबाइल फोनों में से कई फोन विभिन्न थानों में दर्ज FIR से जुड़े हुए पाए गए। इस एक ऑपरेशन से पुलिस ने कुल सात मामलों को सुलझा लिया है, जिनमें शामिल हैं:
- थाना नरेला इंडस्ट्रियल एरिया (NIA) के दो मामले (FIR No. 876/25 और e-FIR 80101406/25)।
- थाना नरेला के दो मामले (e-FIR 80101340/25 और e-FIR 80099289/25)।
- थाना बवाना के दो मामले (FIR No. 614/25 और FIR No. 613/25)।
- थाना शास्त्री पार्क का एक वाहन चोरी का मामला।
यह दर्शाता है कि यह गिरोह पूरे आउटर-नॉर्थ जिले में कितना सक्रिय था।
‘रिसीवर’ की भूमिका: अपराध के नेटवर्क की अहम कड़ी
इस मामले में रिसीवर अब्दुल्लाह की गिरफ्तारी भी एक महत्वपूर्ण सफलता है। अपराध के पारिस्थितिकी तंत्र में, रिसीवर एक अहम कड़ी होते हैं। वे चोरी और झपटमारी के सामान को एक बाजार मुहैया कराते हैं, जिससे अपराधियों को अपना माल खपाने और पैसा कमाने का जरिया मिलता है। यदि इन रिसीवरों पर शिकंजा कसा जाए, तो झपटमारी जैसी घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है। पुलिस अब अब्दुल्लाह से पूछताछ कर रही है ताकि उसके नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके।

आदतन अपराधी और अपराध की राह
गिरोह के सरगना रोहित का पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड होना यह बताता है कि कैसे छोटे-मोटे अपराधी जेल से छूटने के बाद फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो जाते हैं और नए लड़कों को अपने साथ जोड़कर बड़े गिरोह बना लेते हैं। कमरूल और अब्दुल्लाह जैसे युवाओं का आसानी से पैसा कमाने के लालच में इस गिरोह में शामिल होना समाज के लिए एक चिंता का विषय है। पुलिस का कहना है कि वे ऐसे आदतन अपराधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
निवासियों के लिए राहत, अपराधियों के लिए संदेश
इस सफल ऑपरेशन ने नरेला, बवाना और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को बड़ी राहत दी है, जो लंबे समय से झपटमारों के आतंक से परेशान थे। दिल्ली पुलिस की इस त्वरित और समन्वित कार्रवाई ने अपराधियों को एक कड़ा संदेश दिया है कि वे कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते। DCP हरेश्वर स्वामी ने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि जिले में स्ट्रीट क्राइम के खिलाफ इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे ताकि नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।