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JAHANGIRPURI : में 1 महिला ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़, मुख्य सप्लायर का नाम आया सामने

JAHANGIRPURI : में 1 महिला ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़, मुख्य सप्लायर का नाम आया सामने

JAHANGIRPURI : ड्रग्स तस्करी मामले में पुलिस ने 34 वर्षीय महिला मंजू बीबी को 33 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया। मुख्य सप्लायर की तलाश जारी है।

JAHANGIRPURI : में 1 महिला ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़, मुख्य सप्लायर का नाम आया सामने

नशे के खिलाफ दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन

दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले में नशे के सौदागरों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में जहांगीरपुरी थाना पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक खुफिया ऑपरेशन में एक महिला ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया है और उसके कब्जे से 33 ग्राम स्मैक बरामद की है। गिरफ्तार की गई 34 वर्षीय महिला, मंजू बीबी, पिछले कई महीनों से इस अवैध धंधे में शामिल थी। उसने पूछताछ में एक मुख्य महिला सप्लायर ‘मोलीदा’ का नाम भी उजागर किया है, जिसकी अब पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। यह गिरफ्तारी नशे के खिलाफ दिल्ली पुलिस की जीरो-टॉलरेंस नीति का एक और उदाहरण है।

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घटना का विवरण: कैसे चढ़ी महिला तस्कर पुलिस के हत्थे?

यह मामला 25 अक्टूबर 2025 का है। उत्तर-पश्चिम जिले में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए, जहांगीरपुरी थाने की एक टीम इलाके में गश्त कर रही थी। इस टीम में एसआई सुरेन्द्र, हेड कांस्टेबल दिनेश और नित्यानंद, महिला हेड कांस्टेबल शकुंतला, और कांस्टेबल अनिल व भीमराज शामिल थे। यह टीम SHO इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह के नेतृत्व और ACP योगेन्द्र खोक्खर के मार्गदर्शन में CD पार्क झुग्गी क्षेत्र में गश्त पर थी। शाम करीब 6:30 बजे, टीम को एक गुप्त मुखबिर से एक महिला के बारे में सूचना मिली, जो इलाके में ड्रग्स की तस्करी कर रही थी।

खुफिया सूचना और पुलिस का सफल ऑपरेशन

मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर, गश्ती टीम ने तुरंत कार्रवाई की। टीम ने बताए गए स्थान पर जाल बिछाया और संदिग्ध महिला पर नजर रखनी शुरू कर दी। कुछ ही देर में, टीम ने संदिग्ध महिला की पहचान कर उसे रोक लिया। महिला पुलिसकर्मी, हेड कांस्टेबल शकुंतला की मदद से जब उसकी तलाशी ली गई, तो उसके कब्जे से एक पारदर्शी प्लास्टिक की थैली मिली। इस थैली के अंदर 33 ग्राम स्मैक (हेरोइन) पाई गई। पुलिस ने तुरंत मादक पदार्थ को जब्त कर लिया और महिला को हिरासत में ले लिया।

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कौन है यह महिला ड्रग तस्कर?

गिरफ्तार की गई महिला की पहचान मंजू बीबी (34 वर्ष), पत्नी हमीद, निवासी जहांगीरपुरी, दिल्ली के रूप में हुई है। पुलिस रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला कि उसके खिलाफ पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। यह पहली बार है जब उसे किसी अपराध में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उसके खिलाफ थाना जहांगीरपुरी में FIR संख्या 904/25, NDPS एक्ट की धारा 21 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

पूछताछ में हुआ मुख्य सप्लायर का खुलासा

पुलिस द्वारा की गई गहन पूछताछ में, मंजू बीबी ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए। उसने कबूल किया कि वह पिछले कुछ महीनों से इस अवैध धंधे में शामिल थी। उसने बताया कि वह आसान पैसा कमाने के लालच में इस अपराध की दुनिया में आई। सबसे बड़ा खुलासा यह था कि वह खुद मुख्य सप्लायर नहीं है, बल्कि एक अन्य महिला से ड्रग्स लेकर आगे छोटे-छोटे ग्राहकों को बेचती थी। उसने अपनी मुख्य सप्लायर का नाम मोलीदा, पत्नी शेख हसीबुल, बताया, जो जहांगीरपुरी की ही निवासी है। मंजू के अनुसार, मोलीदा ही उसे स्मैक की खेप मुहैया कराती थी, जिसे वह मांग के अनुसार बेचती थी।​

जहांगीरपुरी: नशे का नया हॉटस्पॉट?

यह घटना इस ओर भी इशारा करती है कि जहांगीरपुरी और उसके आसपास का इलाका नशे के तस्करों के लिए एक हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। हाल के दिनों में, जहांगीरपुरी पुलिस और क्राइम ब्रांच ने इस इलाके से कई ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। कुछ ही हफ़्ते पहले, पुलिस ने इसी इलाके से 60 वर्षीय नीलम और रजनी नामक महिलाओं को भी भारी मात्रा में स्मैक और हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारियां बताती हैं कि तस्कर महिलाओं और बुजुर्गों को ढाल बनाकर इस अवैध कारोबार को चला रहे हैं।

मोलीदा’ और पूरे नेटवर्क की तलाश जारी

मंजू बीबी की गिरफ्तारी के बाद, अब पुलिस का मुख्य ध्यान मुख्य सप्लायर ‘मोलीदा’ को पकड़ने पर है। पुलिस का मानना है कि मोलीदा की गिरफ्तारी से इस पूरे ड्रग्स सिंडिकेट की कमर टूट सकती है और सप्लाई चेन के स्रोत का पता लगाया जा सकता है। पुलिस इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए भी काम कर रही है। एसीपी योगेन्द्र खोक्खर के नेतृत्व में एक विशेष टीम मोलीदा और उसके सहयोगियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

आसान पैसा कमाने का लालच और अपराध की राह

मंजू बीबी का मामला उन कई लोगों की कहानी कहता है जो जल्दी और आसान पैसा कमाने के लालच में अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं। बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड वाली एक 34 वर्षीय महिला का ड्रग्स तस्करी में शामिल होना यह दर्शाता है कि कैसे गरीबी और लालच लोगों को खतरनाक रास्तों पर ले जा सकता है। पुलिस का कहना है कि वे इस पहलू पर भी काम कर रहे हैं और लोगों को ऐसे शॉर्टकट से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

NDPS एक्ट: क्या है कानून और सजा?

नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट, 1985, भारत में ड्रग्स से संबंधित अपराधों के लिए एक कठोर कानून है। इस अधिनियम के तहत, अवैध ड्रग्स का उत्पादन, निर्माण, खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण, या उपभोग करना एक गंभीर अपराध है। बरामद की गई ड्रग्स की मात्रा के आधार पर सजा का प्रावधान होता है। 33 ग्राम स्मैक ‘वाणिज्यिक मात्रा’ (commercial quantity) से कम लेकिन ‘छोटी मात्रा’ (small quantity) से अधिक की श्रेणी में आती है, जिसके लिए कानून में कठोर सजा का प्रावधान है।

नशे के खिलाफ एक लंबी लड़ाई

मंजू बीबी की गिरफ्तारी नशे के खिलाफ दिल्ली पुलिस की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह लड़ाई अभी बहुत लंबी है। जब तक ‘मोलीदा’ जैसे मुख्य सप्लायर और पूरी सप्लाई चेन खत्म नहीं हो जाती, तब तक मंजू बीबी जैसी छोटी मछलियां पैदा होती रहेंगी। यह मामला पुलिस के लिए एक चुनौती है, लेकिन साथ ही उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने इलाके में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने में संकोच न करें, ताकि नशे के इस जहर को समाज से खत्म किया जा सके।

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