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HATHINI KUND DAM: हथिनी कुंड बैराज डैम और दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान 2025

HATHINI KUND DAM: हथिनी कुंड बैराज डैम और दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान 2025

दिल्ली को 50 साल बाद नया ड्रेनेज मास्टर प्लान मिला। हथिनी कुंड बैराज ( HATHINI KUND DAM ) के पास बनने वाले 5200 एकड़ डैम से बाढ़ नियंत्रण, जलापूर्ति व बिजली उत्पादन को स्थायी समाधान मिलेगा। पढ़ें केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल द्वारा लॉन्च हुई इस ऐतिहासिक योजना की पूरी जानकारी।

HATHINI KUND DAM: हथिनी कुंड बैराज डैम और दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान 2025

HATHINI KUND DAM दिल्ली का नया ड्रेनेज मास्टर प्लान: बाढ़ और जल संकट पर बड़ा कदम

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने किया मास्टर प्लान लॉन्च

दक्षिण, पूर्वी और उत्तरी दिल्ली हर साल मानसून के दौरान यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर और बाढ़ के खतरों का सामना करती रही है। केंद्रीय शहरी विकास व आवास मंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली को 50 साल बाद नया ड्रेनेज मास्टर प्लान देकर इस संकट के स्थायी समाधान की मजबूत बुनियाद रखी है। HATHINI KUND DAM शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, समाज कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्राज, बीजेपी विधायक, विभागीय इंजीनियर्स और अधिकारी मौजूद रहे।

HATHINI KUND DAM के पास बनेगा डैम: बाढ़ पर लगाम, जलापूर्ति में सुधार

इस मास्टर प्लान में सबसे अहम योजना है हथिनी कुंड बैराज के पास नया डैम बनाना, जो करीब 5200 एकड़ में फैला होगा। इसकी कुल अनुमानित लागत 6134 करोड़ रुपये है। इस डैम के बन जाने पर न सिर्फ दिल्ली के बाढ़ संकट पर लगाम लगेगी, बल्कि जलापूर्ति और बिजली उत्पादन की दिशा में भी बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। योजना के अनुसार, डैम के जलाशय की लंबाई 14 किमी होगी, जिससे हर साल मानसून में आने वाले बेमौसम पानी को प्रभावी तरीके से रोका और नियंत्रित किया जा सकेगा।

HATHINI KUND DAM: हथिनी कुंड बैराज डैम और दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान 2025

यमुना की गहराई बढ़ाना और डिसिल्टिंग जरूरी

मास्टर प्लान के अनुसार, यमुना की मौजूदा पानी पकड़ने की क्षमता (होल्डिंग कैपेसिटी) बढ़ाने के लिए नदी की डिसिल्टिंग आवश्यक है। सबसे ज्यादा समस्या आईटीओ बैराज से ओखला बैराज तक के 14 किमी स्ट्रेच में आती है, जहां गहराई कहीं 207 मीटर और कहीं 200 मीटर है। ऐसे असंतुलन से बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। नई योजना के अंतर्गत इस स्ट्रेच की सिल्ट (गाद) निकाली जाएगी ताकि गहराई समान रह सके और पानी तेज़ी से न फैले। इससे बाढ़ की आवृत्ति और नुकसान दोनों कम होंगे।

बिजली उत्पादन और सतत जलापूर्ति का मिलेगा लाभ

HATHINI KUND DAM डैम के बनने से यमुना नदी के अतिरिक्त पानी को नियंत्रित रूप से इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे हाइड्रो पावर उत्पादन संभव होगा और साथ ही दिल्ली को सालभर सतत जलापूर्ति भी मिल सकेगी। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि डैम की आवश्यकता इसलिए भी है, क्योंकि मॉनसून के दौरान हथिनी कुंड बैराज पर इतना पानी आ जाता है कि उसे पूरी तरह रोकना मुश्किल होता है। अगर समय रहते नए डैम का निर्माण नहीं हुआ, तो भविष्य में दिल्ली में बाढ़ से भारी तबाही हो सकती है।

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कचरा निस्तारण—भलस्वा साइट की सफाई और डीडीए की भूमिका

भारत के अलग-अलग हिस्सों में कचरे के निस्तारण को लेकर कुल 1570 डंपिंग साइट हैं, जिनके समाधान के लिए केंद्र सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। विशेष रूप से दिल्ली के लिए 1100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भलस्वा साइट की जिम्मेदारी खुद उन्होने ली है और अगले वर्ष 2 अक्टूबर तक उसकी पूरी छंटाई हो जाएगी।
इस प्रक्रिया में पैसे की कोई बाधा न आए, इसके लिए डीडीए को Partner Organization बनाया गया है। इससे दिल्ली की स्वच्छता और शहर प्रबंधन में नया युग आएगा।

तकनीकी और प्रशासनिक नवाचार

इस मास्टर प्लान के तहत आधुनिक तकनीक और सॉफ्टवेयर आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम लगेंगे—बेहतर ड्रेनेज मैपिंग, बाढ़ पूर्वानुमान, जल स्तर मापन व डेटा एनालिटिक्स के जरिए बाढ़ से जुड़ी चुनौतियों की पुख्ता निगरानी की जाएगी। सरकारी विभागों के बेहतर समन्वय के साथ, दिल्लीवासियों को हर मानसून पहले जैसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

दिल्ली के भविष्य के लिए ऐतिहासिक कदम

59 साल बाद ड्रेनेज मास्टर प्लान का आना दर्शाता है कि सरकार अब बाढ़ व जल संकट के स्थायी समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इस योजना से किसानों को फसल बचत, आम नागरिकों को स्वच्छ पानी, उद्योगों को बिजली एवं पर्यावरण को सतत हल मिलने वाला है।

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