Empowering Women: दिल्ली पुलिस महिला सुरक्षा अभियान के तहत आउटर डिस्ट्रिक्ट की शिष्टाचार स्क्वाड ने बस स्टैंड पर सैकड़ों महिलाओं को सुरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक किया।

Empowering Women: सुरक्षा का संदेश, सीधे जनता तक
दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को एक नया आयाम दिया है। आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस की ‘शिष्टाचार स्क्वाड’ ने सड़कों पर उतरकर एक प्रभावशाली महिला सुरक्षा एवं जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों, विशेषकर बस स्टैंडों पर महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराना और उन्हें अपने अधिकारों तथा पुलिस की आपातकालीन सेवाओं के प्रति जागरूक करना था। इस पहल ने सामान्य सार्वजनिक स्थानों को सीखने और सशक्तिकरण के केंद्रों में बदल दिया, जहाँ महिलाओं ने पुलिस के साथ सीधे संवाद किया।
दिल्ली में 5 आरोपी गिरफ्तार, 1 महिला भी शामिल: दिल्ली में सनसनीखेज गनपॉइंट लूट का पर्दाफाश, बड़ी सफलता
Empowering Women पश्चिम विहार और सुल्तानपुरी बस स्टैंड
इस जागरूकता अभियान के लिए आउटर डिस्ट्रिक्ट के दो सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों को चुना गया: पश्चिम विहार बस स्टैंड और सुल्तानपुरी बस स्टैंड। ये दोनों स्थान हजारों महिला यात्रियों, छात्राओं और स्थानीय निवासियों के लिए आवागमन के मुख्य केंद्र हैं। इन स्थानों पर अभियान चलाने का उद्देश्य था कि सुरक्षा का संदेश अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचे और वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय आत्मविश्वास महसूस करें।

क्या है ‘शिष्टाचार स्क्वाड’ और इसका मिशन?
दिल्ली पुलिस कमिश्नर श्री संजय अरोड़ा के निर्देश पर मार्च 2025 में ‘शिष्टाचार स्क्वाड’ का गठन किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य छेड़छाड़, उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्य अपराधों पर अंकुश लगाना है। प्रत्येक जिले में दो स्क्वाड तैनात हैं, जिनमें इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, महिला और पुरुष पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। इस अभियान का मिशन स्पष्ट था: दिल्ली की हर महिला को शहर में घूमते समय सुरक्षित और सशक्त महसूस कराना, उनमें सतर्कता को बढ़ावा देना और उन्हें दिल्ली पुलिस की आपातकालीन सेवाओं, विशेषकर हेल्पलाइन नंबर 112 तक आसान पहुंच प्रदान करना।
अभियान की मुख्य विशेषताएं: संवाद और सशक्तिकरण
इस अभियान के दौरान, शिष्टाचार स्क्वाड की टीमों ने बस स्टैंडों पर मौजूद महिला यात्रियों, छात्राओं और स्थानीय निवासियों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को ध्यान से सुना और उनके सवालों के जवाब दिए। पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति में उन्हें डरने की बजाय तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यह बातचीत केवल एकतरफा नहीं थी, बल्कि एक संवादात्मक सत्र था, जिसने पुलिस और जनता के बीच विश्वास की एक नई कड़ी जोड़ी।

आपातकालीन हेल्पलाइन 112 का लाइव डेमो
जागरूकता को व्यावहारिक बनाने के लिए, टीम ने मौके पर ही आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 के उपयोग का लाइव प्रदर्शन किया। उन्होंने महिलाओं को समझाया कि कैसे वे सिर्फ एक कॉल करके तुरंत पुलिस की मदद पा सकती हैं। कई महिलाओं को अपने फोन में 112 को स्पीड डायल पर सेट करने में भी मदद की गई। इस प्रदर्शन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि हर महिला संकट के समय इस जीवन रक्षक सेवा का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सके।
हिम्मत प्लस’ ऐप और आत्मरक्षा के गुर
हेल्पलाइन नंबर के अलावा, महिलाओं को दिल्ली पुलिस के ‘हिम्मत प्लस’ (Himmat Plus) जैसे सुरक्षा मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्हें यह भी सिखाया गया कि वे अपने पास मौजूद चीजों, जैसे दुपट्टा, पेन या हैंडबैग, का उपयोग आत्मरक्षा के लिए कैसे कर सकती हैं। यह दिल्ली पुलिस की ‘सशक्तिकरण’ (SHASHAKTI) पहल का हिस्सा है, जिसके तहत महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन युक्तियों का उद्देश्य महिलाओं में यह आत्मविश्वास जगाना था कि वे कमजोर नहीं हैं और अपनी सुरक्षा स्वयं भी कर सकती हैं।
कानूनी अधिकारों की जानकारी: अब चुप नहीं रहना है
अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में शिक्षित करना था। पुलिस ने उन्हें बताया कि छेड़छाड़, पीछा करना या किसी भी तरह का उत्पीड़न एक गंभीर अपराध है और कानून उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान करता है। उन्हें प्रोत्साहित किया गया कि वे किसी भी ऐसी घटना को बिना किसी डर या सामाजिक कलंक के रिपोर्ट करें। दिल्ली पुलिस की ‘स्पेशल पुलिस यूनिट फॉर वुमेन एंड चिल्ड्रन’ (SPUWAC) जैसी विशेष इकाइयां ऐसे मामलों से निपटने के लिए ही बनाई गई हैं।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया: बढ़ा हुआ विश्वास और सुरक्षा का एहसास
इस अभियान को जनता, विशेषकर महिलाओं से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। पश्चिम विहार बस स्टैंड पर मौजूद एक छात्रा ने कहा, “पुलिस को हमारे बीच देखकर और हमसे बात करते हुए देखकर बहुत अच्छा लगा। अब हमें और अधिक सुरक्षित महसूस हो रहा है।” सुल्तानपुरी की एक महिला ने कहा, “पहले हमें पता नहीं था कि 112 पर कैसे शिकायत करनी है, लेकिन आज पुलिस ने हमें सब कुछ बहुत अच्छे से समझा दिया।” यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि इस तरह के जमीनी स्तर के अभियान कितने प्रभावी होते हैं।
दिल्ली पुलिस का ‘वी केयर’ विजन
यह अभियान दिल्ली पुलिस के व्यापक सामुदायिक पुलिसिंग विजन ‘वी केयर’ (We Care) का एक हिस्सा है। इस पहल का उद्देश्य जनता के साथ समन्वय स्थापित करना और पुलिस-जनता के बीच की दूरी को कम करना है। पुलिस का मानना है कि अपराध की रोकथाम केवल सख्त कार्रवाई से नहीं, बल्कि जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी से ही संभव है। ‘शिष्टाचार स्क्वाड’ इसी विजन को जमीन पर उतारने का काम कर रही है।
एक सतत प्रयास
आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस द्वारा चलाया गया यह जागरूकता अभियान एक सराहनीय कदम है, लेकिन यह एक अंत नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया की शुरुआत है। दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ‘शिष्टाचार स्क्वाड’ भविष्य में भी स्कूलों, कॉलेजों, बाजारों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर ऐसे अभियान चलाती रहेगी। इसका उद्देश्य एक ऐसा सुरक्षित और भय-मुक्त वातावरण बनाना है, जहां दिल्ली की हर महिला दिन हो या रात, बिना किसी डर के कहीं भी आ-जा सके। यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है।