“DELHI POLICE KESHAV PURAM थाना टीम ने एक शख्स को गिरफ्तार किया जिसने बेटी की शादी के लिए धन जुटाने हेतु ₹10 लाख की लूट की झूठी कहानी गढ़ी। पुलिस ने आरोपी के घर से ₹10 लाख नकद बरामद किए और मामला दर्ज कर लिया।”

DELHI POLICE KESHAV PURAM ने पकड़ा “फर्जी लूट कॉल” का सच: केशव पुरम थाना टीम ने आरोपी से बरामद किए ₹10 लाख नकद
राजधानी दिल्ली में पुलिस की सतर्कता और चौकसी का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला है। उत्तर-पश्चिमी जिले के थाना केशव पुरम की टीम ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया जिसने अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे जुटाने की नीयत से ₹10 लाख की फर्जी लूट की कहानी गढ़ी। आरोपी द्वारा की गई झूठी PCR कॉल ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन गहन जांच और कड़ी पूछताछ ने पूरी सच्चाई को उजागर कर दिया।
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घटना की शुरुआत: फर्जी कॉल से हड़कंप
29 सितंबर 2025 को DELHI POLICE KESHAV PURAM थाना केशव पुरम पुलिस को PCR के माध्यम से एक कॉल प्राप्त हुई, जिसमें सूचित किया गया कि कॉलर से जबरन ₹10,00,000 नकद और एक सोने की चैन लूट ली गई है। यह कॉल DD No. 77A के रूप में दर्ज हुई। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरंत सक्रिय हो गई और मौके पर पहुंच गई।
घटनास्थल — केशव पुरम मेट्रो स्टेशन से प्रेमबाड़ी पुल की ओर रेलवे ओवरब्रिज करेज़वे — पर पहुँचने के बाद कॉलर स्वयं उपस्थित पाया गया। उसकी पहचान गुरदेव सिंह (उम्र 54 वर्ष), निवासी विष्णु गार्डन, तिलक मार्ग, दिल्ली के रूप में हुई।
आरोपी ने DELHI POLICE KESHAV PURAM को कैसे गुमराह किया
गुरदेव सिंह ने पुलिस को बताया कि वह IMPEX कंपनी में काम करता है और उसकी जिम्मेदारी विभिन्न स्थानों से धनराशि एकत्र करना है। उसी दिन कंपनी मालिक विरेन चोपड़ा ने उसे करोल बाग स्थित ग्राहक से ₹10 लाख लाने का निर्देश दिया।
उसने दावा किया कि धन राशि लेने के बाद उसने उसे अपनी स्कूटी की डिक्की में रखा और कंपनी कार्यालय, पीतमपुरा NP-5 मौर्या एन्क्लेव की ओर लौट रहा था। रास्ते में 03:50 बजे रेलवे ओवरब्रिज पर दो अज्ञात युवकों ने बाइक से उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी, जिससे वह गिर गया।
कॉलर का कहना था कि युवकों ने जान से मारने की धमकी देकर ₹10 लाख और सोने की चैन लूट ली।
DELHI POLICE KESHAV PURAM की जांच से खुला झूठ का राज
घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पुलिस को कोई भी ऐसा सबूत नहीं मिला, जिससे दुर्घटना या टक्कर होने की पुष्टि होती। सड़क पर न तो स्किड मार्क्स थे, न ही बैरिकेड्स या फेंसिंग पर कोई टक्कर का निशान मिला।
इसके बाद पुलिस ने क्षेत्र के CCTV फुटेज खंगाले। जांच के दौरान कॉलर की गवाही झूठी साबित होने लगी। वीडियो में कहीं भी बाइक सवार आरोपियों के दिखाई देने के साक्ष्य नहीं मिले।
जब पुलिस ने आरोपी गुरदेव से गहन पूछताछ की, तो अंततः उसने सच स्वीकार लिया—किसी भी तरह की लूट हुई ही नहीं थी।
बेटी की शादी का दबाव और लालच
गुरदेव सिंह ने बताया कि उसका परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था और उसकी बेटी की शादी तय हो चुकी थी। शादी के खर्च पूरे करने के लिए उसे बड़ी रकम की आवश्यकता थी। इसी लालच और दबाव के कारण उसने नकली लूट की योजना बनाई।
उसका मकसद कंपनी से प्राप्त ₹10 लाख को अपने पास रख लेना और पुलिस को झूठी कहानी सुना देना था।
DELHI POLICE KESHAV PURAM की कार्रवाई और बरामदगी
आरोपी की स्वीकारोक्ति के बाद पुलिस टीम उसके घर पहुंची। DELHI POLICE KESHAV PURAM को तलाशी के दौरान ₹10 लाख नकद उसके घर से बरामद किए गए। रकम को कंपनी से प्राप्त ही माना गया।
इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर केशव पुरम थाने लाया गया। उसके विरुद्ध कैलेंड्रा DD No. 03A दिनांक 30.09.2025, धारा 217 BNS के तहत मामला दर्ज किया गया।
आरोपी का प्रोफ़ाइल
- नाम: गुरदेव सिंह
- पिता का नाम: पीयारा सिंह
- पता: विष्णु गार्डन, तिलक मार्ग, दिल्ली
- उम्र: 54 वर्ष
- पिछला रिकॉर्ड: कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं
पुलिस की सख्त चेतावनी
उत्तर-पश्चिमी जिला DCP भीष्म सिंह (IPS) ने कहा—
“फर्जी कॉल करके पुलिस को गुमराह करना और संसाधनों की बर्बादी करना गंभीर अपराध है। पुलिस की जिम्मेदारी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की होती है और झूठी कहानियां बनाकर हमारी टीमों का समय और संसाधन व्यर्थ करना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।”
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में सख्ती से कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी ताकि दोबारा कोई इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न कर सके।
DELHI POLICE KESHAV PURAM ने दिया जनता के लिए सबक
यह घटना साफ दर्शाती है कि फर्जीवाड़ा और पुलिस को गुमराह करने वाले कितने भी चालाक क्यों न हों, सच्चाई CCTV, गहन पूछताछ और सटीक जांच के माध्यम से बाहर आ ही जाती है।
गुरदेव सिंह भले ही पहली बार अपराध में पकड़ा गया हो, लेकिन उसकी यह हरकत न केवल एक कंपनी के विश्वास को तोड़ती है, बल्कि पुलिस बल के समय और संसाधनों की भी बर्बादी करती है।
DELHI POLICE KESHAV PURAM का यह मामला इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि अपराध चाहे नकली हो या असली, जांच की पूरी प्रक्रिया कितनी संवेदनशील और गंभीर होती है।
54 वर्षीय गुरदेव सिंह की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया कि दिल्ली पुलिस हर स्तर पर सच सामने लाने में सक्षम है।
लोगों को इससे यह सबक लेना चाहिए कि फर्जी लूट या अपराध की रिपोर्ट दर्ज करके प्रशासन को गुमराह करना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह भरोसे और सुरक्षा की भावना को भी कमजोर करता है।
DELHI POLICE KESHAV PURAM की जांच अभी जारी है
तथ्य | विवरण |
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घटना का स्थान | थाना केशव पुरम, उत्तर-पश्चिमी जिला, दिल्ली |
घटना की तिथि | 29 सितंबर 2025 |
आरोपी का नाम | गुरदेव सिंह |
पिता का नाम | पीयारा सिंह |
उम्र | 54 वर्ष |
पता | विष्णु गार्डन, तिलक मार्ग, दिल्ली |
आरोपी का पेशा | IMPEX कंपनी में कर्मी |
कथित घटना | ₹10 लाख नकद और सोने की चैन की जबरन लूट |
पुलिस को मिली सूचना | पीसीआर कॉल (DD No. 77A) के माध्यम से |
वास्तविकता | लूट की झूठी सूचना, नकली केस |
बरामद नकद राशि | ₹10,00,000/- नकद |
आरोपी का उद्देश्य | बेटी की शादी के लिए धन जुटाना |
पुलिस कार्रवाई | आरोपी गिरफ्तार, मामले में हलफनामा दर्ज, ₹10 लाख बरामद |
दर्ज मामला | Kalandra DD No. 03A, दिनांक 30.09.2025, धारा 217 BNS के तहत |
आरोपी का पिछला रिकॉर्ड | नहीं |
पुलिस अधिकारी | भीष्म सिंह, उपायुक्त पुलिस, उत्तर-पश्चिमी जिला, दिल्ली |
मामले की जांच स्थिति | आगे की जांच जारी |