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Delhi Bhalswa Dairy Firing: 2 गुटों में खूनी जंग, 1 हिस्ट्रीशीटर को लगी गोली, 24 घंटे में दूसरा गिरफ्तार

Delhi Bhalswa Dairy Firing: 2 गुटों में खूनी जंग, 1 हिस्ट्रीशीटर को लगी गोली, 24 घंटे में दूसरा गिरफ्तार

Delhi Bhalswa Dairy Firing मामले को पुलिस ने कुछ ही घंटों में सुलझा लिया है। पेमेंट विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में राजेंद्र उर्फ रेंचो नामक बदमाश घायल हो गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी शूटर आसिफ उर्फ मासी को देसी कट्टे के साथ गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला है कि घायल और आरोपी दोनों ही आदतन अपराधी हैं। पुलिस ने मौके से खाली कारतूस भी बरामद किया है और दूसरे आरोपी फरदीन की तलाश जारी है। यह घटना आउटर-नॉर्थ जिले में अपराधियों के बीच चल रही आपसी रंजिश को उजागर करती है, जिस पर पुलिस ‘ऑपरेशन अंकुश’ के तहत कार्रवाई कर रही है।

Delhi Bhalswa Dairy Firing: 2 गुटों में खूनी जंग, 1 हिस्ट्रीशीटर को लगी गोली, 24 घंटे में दूसरा गिरफ्तार

Delhi Bhalswa Dairy Firing: दिल्ली में फिर गूंजी गोलियों की तड़तड़ाहट

दिल्ली का आउटर-नॉर्थ जिला एक बार फिर गोलियों की आवाज से दहल गया। भलस्वा डेयरी इलाके में दो गुटों के बीच हुए एक खूनी संघर्ष में एक आदतन अपराधी को गोली मार दी गई। घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस ने अपनी त्वरित कार्रवाई का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए महज कुछ ही घंटों के भीतर गोली चलाने वाले मुख्य आरोपी को धर दबोचा। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से वारदात में इस्तेमाल किया गया अवैध हथियार (देसी कट्टा) भी बरामद कर लिया है। शुरुआती जांच में यह मामला आपसी पेमेंट विवाद का बताया जा रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस वारदात में घायल हुआ शख्स और गोली चलाने वाला आरोपी, दोनों ही पुराने हिस्ट्रीशीटर हैं।​

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क्या थी वो खौफनाक रात? घटना का पूरा विवरण

यह घटना 31 अक्टूबर, 2025 की देर रात की है। भलस्वा डेयरी पुhttps://x.com/DelhiPoliceलिस स्टेशन को एक PCR कॉल के जरिए सूचना मिली कि पाइपलाइन इलाके के पास फायरिंग हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक घायल को बुराड़ी के एक अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। अस्पताल पहुंचकर पुलिस ने पाया कि राजेंद्र उर्फ परवीन उर्फ रेंचो (28 वर्ष), जो भलस्वा डेयरी का ही निवासी है, पीठ में गोली लगने से घायल है। पुलिस ने मौके पर मौजूद चश्मदीद गवाह भरत से पूछताछ की। भरत ने बताया कि वह अपने चाचा राजेंद्र (घायल) और उनके एक दोस्त के साथ मौजूद था, तभी वहां आसिफ उर्फ मासी और फरदीन उर्फ जूडी आ गए।​

पेमेंट का विवाद बना खूनी संघर्ष की वजह

चश्मदीद भरत के बयान के अनुसार, दोनों गुटों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। 31 अक्टूबर की रात जब उनका आमना-सामना हुआ, तो विवाद इतना बढ़ गया कि आसिफ और फरदीन ने गोलियां चला दीं। इसी गोलीबारी में एक गोली राजेंद्र उर्फ रेंचो की पीठ के ऊपरी हिस्से में जा लगी और वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा। गोलियों की आवाज सुनकर इलाके में हड़कंप मच गया और आरोपी मौके से फरार हो गए। घायल राजेंद्र को उसके भतीजे भरत और अन्य लोगों ने तुरंत बुराड़ी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और वहां से एक खाली कारतूस और गोली का खोल (लेड) बरामद किया, जो इस मामले में महत्वपूर्ण सबूत हैं।​

घंटों में कैसे दबोचा गया ‘मासी’?

मामले की गंभीरता को देखते हुए, DCP (आउटर-नॉर्थ) हरेश्वर स्वामी और Jt. CP विजय सिंह के नेतृत्व में तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया गया। ACP/SN श्री विजय कुमार वत्स के मार्गदर्शन में SHO/भलस्वा डेयरी की टीम ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए पूरी रात गहन तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय किया और संदिग्धों के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस की इस तेज कार्रवाई का नतीजा यह हुआ कि गोलीबारी के कुछ ही घंटों के भीतर, मुख्य आरोपी और शूटर, आसिफ उर्फ मासी (26 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया गया। यह दिल्ली पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और जांच क्षमता का एक शानदार उदाहरण है।​

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कौन है गिरफ्तार शूटर ‘आसिफ उर्फ मासी’? (आरोपी का आपराधिक प्रोफाइल)

पुलिस की गिरफ्त में आया आसिफ उर्फ मासी कोई नया अपराधी नहीं है, बल्कि एक पुराना हिस्ट्रीशीटर है। वह बसंत दादा पाटिल नगर का रहने वाला है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह पहले भी भलस्वा डेयरी थाने के एक बेहद गंभीर मामले में शामिल रह चुका है। उसके खिलाफ FIR संख्या 244/17 के तहत दंगा, मारपीट, घर में घुसकर हमला, हत्या का प्रयास (धारा 307) और यहां तक कि गैंग रेप (धारा 376D) जैसी संगीन धाराओं में मामला दर्ज है। उसका आपराधिक इतिहास यह दर्शाता है कि वह एक बेहद खतरनाक और हिंसक प्रवृत्ति का अपराधी है, जो मामूली विवाद में भी किसी की जान लेने से नहीं हिचकिचाता।​

कौन है ‘रेंचो’ जिसे मारी गई गोली? (घायल का आपराधिक प्रोफाइल)

इस मामले का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि जिसे गोली मारी गई, वह खुद भी एक आदतन अपराधी है। घायल राजेंद्र उर्फ परवीन उर्फ रेंचो (28 वर्ष) भलस्वा डेयरी थाने का एक घोषित BC (Bad Character) है। इसका मतलब है कि वह थाने के रिकॉर्ड में एक हिस्ट्रीशीटर के रूप में दर्ज है और पुलिस उस पर लगातार नजर रखती है। उसके खिलाफ पहले से ही पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें अवैध हथियार रखना (आर्म्स एक्ट), चोरी, डकैती, मारपीट और अपहरण जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। यह साफ तौर पर इंगित करता है कि यह घटना दो आपराधिक गुटों के बीच वर्चस्व और आपसी रंजिश का नतीजा थी।​

देसी कट्टा’ और वारदात के सबूत

मुख्य आरोपी आसिफ उर्फ मासी की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने उसकी निशानदेही पर वह हथियार भी बरामद कर लिया जिससे उसने गोली चलाई थी।

  • एक देसी कट्टा (Country-Made Pistol): यह वही हथियार है जिसका इस्तेमाल रेंचो पर गोली चलाने के लिए किया गया था।
  • खाली कारतूस और गोली का खोल: इन्हें घटनास्थल से जब्त किया गया था, जो फोरेंसिक जांच में महत्वपूर्ण सबूत साबित होंगे।
    इन बरामदगियों ने पुलिस के केस को और मजबूत बना दिया है और यह सुनिश्चित करेगा कि आरोपी को अदालत से कड़ी से कड़ी सजा मिले।​

दूसरे आरोपी ‘फरदीन उर्फ जूडी’ की तलाश जारी

हालांकि पुलिस ने मुख्य शूटर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। इस वारदात में शामिल दूसरा आरोपी, फरदीन उर्फ जूडी, अभी भी फरार है। दिल्ली पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में दिल्ली और आसपास के राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लेंगे। फरदीन की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में और भी खुलासे होने की उम्मीद है और यह पता चल सकेगा कि इस विवाद के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल थे।​

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आउटर-नॉर्थ जिले में अपराधियों पर नकेल

यह सफल गिरफ्तारी आउटर-नॉर्थ जिले में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन अंकुश’ का एक हिस्सा है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य संगठित अपराध, स्ट्रीट क्राइम और गैंगवार जैसी घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाना है। DCP हरेश्वर स्वामी के नेतृत्व में, पुलिस इस तरह के अपराधियों और हिस्ट्रीशीटर्स की एक सूची बनाकर उन पर लगातार नजर रख रही है। नियमित गश्त, पिकेट चेकिंग और मजबूत खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस अपराधियों को उनके मंसूबों में कामयाब होने से पहले ही दबोच रही है, जिसका ताजा उदाहरण यह मामला है।​

अपराधियों के बीच गैंगवार और पुलिस की दोहरी चुनौती

यह घटना दिल्ली में अपराधियों के बीच चल रही आपसी रंजिश और गैंगवार की भयावह सच्चाई को एक बार फिर उजागर करती है। यहां पीड़ित और आरोपी दोनों का ही आपराधिक इतिहास है, जो दिखाता है कि यह आम नागरिकों पर हमले का मामला नहीं, बल्कि दो बदमाशों के बीच टकराव का नतीजा है। ऐसे मामलों में पुलिस के सामने दोहरी चुनौती होती है – एक तो अपराध को सुलझाना और दूसरा, शहर में गैंगवार को फैलने से रोकना। भलस्वा डेयरी पुलिस ने जिस तेजी और पेशेवर तरीके से इस मामले को सुलझाया, वह काबिले तारीफ है। अब देखना यह है कि फरार आरोपी कब तक पुलिस की गिरफ्त में आता है।

श्रेणीविवरण
मामले का नामभलस्वा डेयरी फायरिंग मामला
पुलिस स्टेशनथाना भलस्वा डेयरी, आउटर-नॉर्थ जिला, दिल्ली
घटना की तिथि31 अक्टूबर, 2025 (देर रात)
घायल व्यक्तिराजेंद्र उर्फ परवीन उर्फ रेंचो (28 वर्ष), भलस्वा डेयरी थाने का BC (5 मामलों में संलिप्त)
मुख्य आरोपीआसिफ उर्फ मासी (26 वर्ष), गिरफ्तार (गैंग रेप, हत्या के प्रयास जैसे मामलों में पहले से संलिप्त)
फरार आरोपीफरदीन उर्फ जूडी (तलाश जारी)
घटना का कारणशुरुआती जांच में पैसों के लेनदेन का विवाद
पुलिस की कार्रवाईघटना के कुछ घंटों के भीतर मुख्य आरोपी ‘मासी’ को गिरफ्तार किया गया।
प्रमुख बरामदगीएक देसी कट्टा, घटनास्थल से खाली कारतूस और गोली का खोल।
कानूनी धाराहत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज।
जांच की स्थितिमुख्य आरोपी गिरफ्तार, दूसरे की तलाश जारी, मामले की जांच प्रगति पर है।

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