BHARAT DARPAN TV

BHARAT DARPAN TV

.......भारत दर्पण टीवी......

आईना सच्चाई का.......

Corrupt Inspector UP: 14 करोड़ की संपत्ति, 4 मकान और 12 बीघे का फार्म हाउस, राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता इंस्पेक्टर की काली कमाई का खुलासा

Corrupt Inspector UP: 14 करोड़ की संपत्ति, 4 मकान और 12 बीघे का फार्म हाउस, राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता इंस्पेक्टर की काली कमाई का खुलासा

Corrupt Inspector UP: उत्तर प्रदेश में एक राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा भ्रष्टाचार के बड़े जाल में फंस गया है। मेरठ विजिलेंस की छापेमारी में उसकी 14.38 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ है। इस रिटायर्ड पुलिस अफसर के पास सहारनपुर के ब्रिजेश नगर में 4 आलीशान मकान, 12 बीघे में फैला फार्म हाउस और 23 प्लॉट के बैनामे मिले हैं।

Corrupt Inspector UP: 14 करोड़ की संपत्ति, 4 मकान और 12 बीघे का फार्म हाउस, राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता इंस्पेक्टर की काली कमाई का खुलासा

जांच में यह भी सामने आया है कि उसने अपनी तैनाती के दौरान अवैध तरीके से करोड़ों की संपत्ति जमा की। विजिलेंस टीम ने 12 बैंक खातों, लाखों की ज्वैलरी और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं और अब चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है। यह मामला पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार की एक बड़ी मिसाल है।

JAHANGIRPURI : में 1 महिला ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़, मुख्य सप्लायर का नाम आया सामने

खाकी वर्दी पर लगा भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा दाग

जिस पुलिस अफसर को कभी उसकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजा गया था, आज वही खाकी वर्दी पर भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा दाग बन गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा के ठिकानों पर जब मेरठ विजिलेंस की टीम ने छापा मारा, तो नोटों की गड्डियां, करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज और सोने-चांदी के ढेर देखकर अधिकारियों की आंखें भी फटी रह गईं। शुरुआती 7 घंटे की जांच में ही 14.38 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ है। इस आलीशान जिंदगी के पीछे छिपी काली कमाई की कहानी ने पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में भूचाल ला दिया है।

कैसे खुला ‘करोड़पति’ इंस्पेक्टर का राज?

रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें काफी समय से मिल रही थीं। शासन के निर्देशों के बाद, मेरठ स्थित सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) थाने में 22 सितंबर, 2025 को राणा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच में ही यह पाया गया कि राणा की घोषित आय से 2.92 करोड़ रुपये की संपत्ति अधिक थी, जिसका वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए, विजिलेंस की 31 सदस्यीय टीम ने 1 नवंबर को एक साथ राणा के सहारनपुर स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी का फैसला किया।

7 घंटे की रेड और काली कमाई का ‘खजाना’

शनिवार की सुबह, जब सहारनपुर का ब्रिजेश नगर अभी नींद से जाग ही रहा था, मेरठ से आई विजिलेंस की चार टीमों ने पुलिस बल के साथ प्रेमवीर राणा के चार आलीशान मकानों और शेखपुरा कदीम स्थित 12 बीघे के फार्म हाउस पर एक साथ धावा बोल दिया। इस औचक कार्रवाई से राणा के परिवार में हड़कंप मच गया। सुबह से शाम तक, लगभग 7 घंटे तक चली इस कार्रवाई में विजिलेंस के अधिकारियों ने एक-एक दस्तावेज, अलमारी और लॉकर को खंगाला। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, भ्रष्टाचार का खजाना खुलता चला गया। टीम ने पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई ताकि कोई सबूत मिटाया न जा सके।

Corrupt Inspector UP: 14 करोड़ की संपत्ति, 4 मकान और 12 बीघे का फार्म हाउस, राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता इंस्पेक्टर की काली कमाई का खुलासा

14.38 करोड़ की संपत्ति का खुलासा

विजिलेंस की छापेमारी में जो कुछ मिला, वह किसी फिल्म की कहानी जैसा लगता है।

  • 14.38 करोड़ की संपत्ति: अब तक की जांच में कुल इतनी कीमत की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है।
  • 4 आलीशान मकान: ब्रिजेश नगर में दो से तीन मंजिला बने इन मकानों की कीमत ही 5 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
  • 12 बीघे का फार्म हाउस: शेखपुरा कदीम में बना यह आलीशान फार्म हाउस राणा की शाही जीवनशैली की गवाही देता है, जिसकी कीमत 10.5 करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
  • 23 प्लॉट के बैनामे: जांच में अलग-अलग जगहों पर 23 प्लॉटों की रजिस्ट्री मिली है, जिनकी कीमत करोड़ों में है।
  • 12 बैंक खाते: राणा और उसके परिवार के नाम पर 12 अलग-अलग बैंकों में खाते मिले हैं, जिनमें करोड़ों के लेन-देन का पता चला है।
  • लाखों की ज्वैलरी: मकानों से 20.59 लाख रुपये से अधिक की सोने-चांदी की ज्वैलरी बरामद हुई है।
  • 71.50 लाख का फर्नीचर और सामान: सिर्फ एक मकान से 71.50 लाख रुपये का कीमती फर्नीचर और घरेलू सामान मिला है।

कौन है प्रेमवीर सिंह राणा? (राष्ट्रपति पुरस्कार से भ्रष्टाचार तक का सफर)

प्रेमवीर सिंह राणा बागपत के निरुपड़ा गांव का रहने वाला है। वह उत्तर प्रदेश पुलिस में एक तेज-तर्रार इंस्पेक्टर के रूप में जाना जाता था। उसने अपने करियर में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ और नोएडा समेत पश्चिमी यूपी के कई महत्वपूर्ण थानों में बतौर इंचार्ज काम किया।

  • 2007 में उत्कृष्ट सेवा चिह्न: उसे बेहतर पुलिसिंग के लिए इस सम्मान से नवाजा गया।
  • 2016 में राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार: एक साहसिक कार्य के लिए उसे पुलिस के सर्वोच्च सम्मानों में से एक, राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार मिला।
  • रिटायरमेंट: वह 2024 में EOW (आर्थिक अपराध शाखा) मेरठ से इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुआ।
    यह विडंबना ही है कि जो अधिकारी कभी विभाग का गौरव था, आज उसी पर भ्रष्टाचार के सबसे गंभीर आरोप लगे हैं।

कैसे जमा की अकूत संपत्ति? जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे

विजिलेंस की जांच में पता चला है कि प्रेमवीर राणा ने अपनी तैनाती के दौरान, खासकर EOW में रहते हुए, अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया। सूत्रों के मुताबिक, उसने जांच के नाम पर कई लोगों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की। वह जांच को प्रभावित करने, मामले को रफा-दफा करने या किसी को बचाने के एवज में मोटी रकम वसूलता था। उसने अपनी इस काली कमाई को प्रॉपर्टी, सोना और बैंक खातों में निवेश किया। उसने कई संपत्तियां अपने करीबियों और रिश्तेदारों के नाम पर भी खरीदीं ताकि वह जांच एजेंसियों की नजर से बच सके।

Corrupt Inspector UP: 14 करोड़ की संपत्ति, 4 मकान और 12 बीघे का फार्म हाउस, राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता इंस्पेक्टर की काली कमाई का खुलासा

विवादों से पुराना नाता

प्रेमवीर राणा का करियर हमेशा से विवादों में रहा है। 2012 में सपा छात्रसभा के जिलाध्यक्ष से भिड़ंत के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था। रामपुर मनिहारान में हुए जातीय संघर्ष के दौरान भी उसका नाम उछला था। 2020 में, कैराना में सपा विधायक नाहिद हसन के साथ तीखी बहस के बाद उस पर केस दर्ज हो गया था। इसके जवाब में, 2021 में राणा ने विधायक नाहिद हसन और उनकी मां, सांसद तबस्सुम हसन पर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया था, जिससे पूरे पश्चिमी यूपी की राजनीति में उबाल आ गया था।

अब आगे क्या? गिरफ्तारी वारंट और जेल की तैयारी

विजिलेंस की इस बड़ी कार्रवाई के बाद अब प्रेमवीर राणा पर कानूनी शिकंजा कसना तय है। एसपी विजिलेंस, डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया है कि विभाग जल्द ही अदालत से राणा का गिरफ्तारी वारंट लेगा और उसे जेल भेजा जाएगा। इसके साथ ही, इस मामले में एक मजबूत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी ताकि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। विजिलेंस की टीमें अब जब्त किए गए 12 बैंक खातों की विस्तृत जांच कर रही हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि इन खातों में पैसा कहां से आया और कहां-कहां भेजा गया।

रिश्तेदारों और दोस्तों पर भी कसेगा शिकंजा

विजिलेंस की जांच का दायरा अब सिर्फ प्रेमवीर राणा तक सीमित नहीं रहेगा। जांच एजेंसी अब राणा के उन सभी रिश्तेदारों, दोस्तों और सहयोगियों की भी जांच करेगी, जिनके नाम पर संपत्ति खरीदी गई है या जिनके खातों में पैसों का लेन-देन हुआ है। विजिलेंस को शक है कि इस भ्रष्टाचार के खेल में कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं। राणा की गिरफ्तारी की खबर के बाद से ही उसके कई करीबी भूमिगत हो गए हैं और उनमें बेचैनी बढ़ गई है।

हीरो से जीरो बनने की कहानी

प्रेमवीर सिंह राणा की कहानी एक पुलिसवाले के ‘हीरो से जीरो’ बनने की कहानी है। यह दिखाती है कि कैसे सत्ता और पद का लालच एक सम्मानित अधिकारी को भी भ्रष्टाचार के अंधेरे कुएं में धकेल सकता है। विजिलेंस की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा संदेश है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और कोई भी अपराधी, चाहे वह कितना भी बड़ा या प्रभावशाली क्यों न हो, बच नहीं सकता। अब देखना यह है कि इस मामले की जांच में और कितने ‘सफेदपोश’ बेनकाब होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *