उत्तर दिल्ली के जगतपुर बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुए की उपस्थिति को लेकर लंबे समय से जारी अटकलें अब समाप्त हो गई हैं। बीते छह महीनों से चल रही चर्चाओं के बीच, अब एक पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता के कैमरे में तेंदुआ स्पष्ट रूप से कैद हो गया है। जैसे ही यह तस्वीर सामने आई, वन विभाग ने फौरन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।

स्थानीय किसानों की चेतावनी को किया गया नजरअंदाज
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों का दावा है कि वे पिछले कई महीनों से तेंदुए की गतिविधियों को महसूस कर रहे थे। उन्होंने समय-समय पर इसकी जानकारी पार्क प्रशासन को दी, लेकिन ठोस प्रमाणों की कमी के चलते अधिकारियों ने इस खतरे को गंभीरता से नहीं लिया। इसी बीच DDA द्वारा लगाए गए चेतावनी पोस्टरों ने लोगों की चिंताओं को और बल दिया, पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
पर्यावरण प्रेमी के कैमरे में मिला पुख्ता सबूत

स्थानीय निवासियों की बातों को लंबे समय तक अनसुना किए जाने के बाद, एक पर्यावरण कार्यकर्ता ने पार्क के भीतर कैमरे स्थापित किए। कुछ ही दिनों में, रात के समय रिकॉर्ड की गई फुटेज में तेंदुए की तस्वीरें साफ तौर पर सामने आईं, जिससे पार्क में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
तेंदुए को पकड़ने के लिए शुरू हुआ विशेष ऑपरेशन
फोटो सार्वजनिक होते ही उत्तर और सेंट्रल दिल्ली की वन विभाग टीमें अलर्ट हो गईं। पार्क के फेस-2 क्षेत्र में तेंदुए की खोज के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। हालांकि कई घंटों की कोशिशों के बाद भी तेंदुए का कोई पता नहीं चल पाया है। रात बढ़ने पर ऑपरेशन को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है, जिसे अगले दिन दोबारा शुरू किया जाएगा।

प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
यह घटनाक्रम प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्होंने कई बार चेतावनी दी, लेकिन अधिकारी स्थिति की गंभीरता को समझने में असफल रहे। अब जब तस्वीर सामने आई है, तब जाकर कार्रवाई शुरू हुई है। इस पूरे घटनाक्रम से गांव में डर और चिंता का माहौल पैदा हो गया है।
शिकायतकर्ता की प्रतिक्रिया
किसान महफूज खान, जिन्होंने सबसे पहले तेंदुए की मौजूदगी की सूचना दी थी, कहते हैं कि यदि समय रहते एक्शन लिया गया होता, तो खतरे को पहले ही टाला जा सकता था। वहीं, वन विभाग की ओर से बताया गया कि सुरक्षा के लिहाज से हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, और सर्च ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता।