नई दिल्ली, दिल्ली पुलिस की वर्दी सिर्फ कानून व्यवस्था की नहीं, बल्कि प्रतिभा, समर्पण और सृजनशीलता की भी पहचान बन चुकी है। इस वर्दी के पीछे कई ऐसे चेहरे हैं जो अपने कर्तव्य के साथ-साथ कला, विशेषकर संगीत और साहित्य के क्षेत्र में भी मिसाल बन चुके हैं। आइए जानते हैं दिल्ली पुलिस के उन वर्दीधारी कलाकारों की कहानी जिन्होंने खाकी के साथ सुरों का संगम रचा।नई दिल्ली, BharatDarpanTV.com — दिल्ली पुलिस की वर्दी सिर्फ कानून व्यवस्था की नहीं, बल्कि प्रतिभा, समर्पण और सृजनशीलता की भी पहचान बन चुकी है। इस वर्दी के पीछे कई ऐसे चेहरे हैं जो अपने कर्तव्य के साथ-साथ कला, विशेषकर संगीत और साहित्य के क्षेत्र में भी मिसाल बन चुके हैं। आइए जानते हैं दिल्ली पुलिस के उन वर्दीधारी कलाकारों की कहानी जिन्होंने खाकी के साथ सुरों का संगम रचा।

1. सिंगरकॉप अजित: सुरों के सिपाही
दिल्ली पुलिस के सहायक उप निरीक्षक (ASI) अजित, जिन्हें लोग प्यार से “सिंगरकॉप अजित” के नाम से जानते हैं, पिछले 30 वर्षों से सेवा में हैं। कई अनसुलझे और चुनौतीपूर्ण केसों को सुलझाने के लिए सम्मानित हो चुके अजित इस समय विशेष प्रकोष्ठ में तैनात हैं।दिल्ली पुलिस के सहायक उप निरीक्षक (ASI) अजित, जिन्हें लोग प्यार से “सिंगरकॉप अजित” के नाम से जानते हैं, पिछले 30 वर्षों से सेवा में हैं। कई अनसुलझे और चुनौतीपूर्ण केसों को सुलझाने के लिए सम्मानित हो चुके अजित इस समय विशेष प्रकोष्ठ में तैनात हैं।

गायकी में गहरी रुचि रखने वाले अजित ने दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस जैसे कार्यक्रमों में कई बार ऑर्केस्ट्रा बैंड के साथ प्रस्तुति दी है। उनकी गायकी से प्रभावित होकर कई पुलिस आयुक्तों ने उन्हें मंच पर सम्मानित भी किया है। अब तक वे चार दर्जन से अधिक गीत गा चुके हैं, जो T-Series, Sonotek, Bhakti Darbar जैसे नामचीन म्यूजिक चैनलों पर रिलीज हो चुके हैं। उनके प्रसिद्ध गीतों में ‘आप सा यार’, ‘महाकाल के पुजारी’, ‘खाकीवाले’, ‘तिरंगा मेरी शान’ जैसे देशभक्ति और भक्ति गीत शामिल हैं।
2. मुकेश शर्मा अनमोल: वर्दीवाला कलमकार
हरियाणा के चरखी दादरी जिले से ताल्लुक रखने वाले हेड कांस्टेबल मुकेश शर्मा, जिन्हें साहित्यिक दुनिया में “वर्दीवाला कलमकार अनमोल” कहा जाता है, 2010 से दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। इस समय वे थाना पश्चिम विहार ईस्ट में Reader to SHO की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

अब तक उन्होंने 700 से अधिक कविताएं और गीत लिखे हैं, जिनमें से 19 गाने रिलीज हो चुके हैं। उनके चर्चित गीतों में ‘खाकीवाले’, ‘राम ही राम’, ‘रक्तदान महादान’, ‘पुलिस एंथम’, ‘मैं हूं एक खाकीवाला’ प्रमुख हैं। उनके यूट्यूब चैनल “वर्दीवाला कलमकार” पर सैकड़ों वीडियो उपलब्ध हैं। वे विभिन्न राज्यों के सैकड़ों मंचों पर प्रस्तुति दे चुके हैं और कई साहित्यिक सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं।
3. राहुल पाठक: सुरों का जादूगर
हेड कांस्टेबल राहुल पाठक, दिल्ली पुलिस की 4th बटालियन में तैनात हैं और दिल्ली पुलिस ऑर्केस्ट्रा बैंड के महत्वपूर्ण सदस्य भी हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी राहुल 2009 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे।

संगीत के प्रति बचपन से रुझान रखने वाले राहुल आज दिल्ली पुलिस के मंचों पर अपनी मधुर आवाज के लिए जाने जाते हैं। उन्हें पुलिस ऑर्केस्ट्रा में “आवाज़ का जादूगर” कहा जाता है। सैकड़ों मंचों पर अपनी प्रस्तुति दे चुके राहुल ड्यूटी के साथ-साथ संगीत साधना को भी पूरा समय दे रहे हैं।
4. राहुल शर्मा: खाकी में उभरता सुर
2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए सिपाही राहुल शर्मा इस समय द्वारका जिले में कार्यरत हैं। अपने पिता श्री परमानंद शर्मा से प्रेरणा लेकर संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वाले राहुल की मुलाकात वर्दीवाला कलमकार मुकेश शर्मा अनमोल से हुई, जिन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया।

राहुल ने अपने पहले गाने की शुरुआत ‘पुलिस एंथम’ से की और अब तक 9 गाने गा चुके हैं। वे निरंतर संगीत साधना में लगे हुए हैं और भविष्य में और भी नए गीतों के साथ दर्शकों के सामने आने वाले हैं।
निष्कर्ष:
दिल्ली पुलिस के ये वर्दीधारी कलाकार यह सिद्ध करते हैं कि वर्दी केवल कानून की प्रतीक नहीं, बल्कि इंसान के भीतर छिपे रचनात्मक भावों और कलात्मक संवेदनाओं की भी अभिव्यक्ति बन सकती है। चाहे मंच हो या मैदान, दिल्ली पुलिस के ये चेहरे हर मोर्चे पर प्रेरणा का स्रोत हैं।