नांगलोई महिला सुरक्षा अभियान के तहत पुलिस ने 3 लोकेशन पर विशेष ड्राइव चलाकर छात्राओं-यात्रियों को जागरूक किया और सुरक्षा का आत्मविश्वास बढ़ाया।

नांगलोई महिला सुरक्षा शिष्टाचार स्क्वाड का महिला सुरक्षा जागरूकता अभियान
अOuter District Police की ‘पुलिस-पब्लिक एकता’ की मिसाल
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1. अभिनव अभियान: पुलिस-पब्लिक एकता की नई मिसाल
दिल्ली के बाहरी जिला पुलिस की शिष्टाचार स्क्वाड ने नांगलोई में महिलाओं और छात्राओं के लिए विशेष सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया। अभियान का लक्ष्य सिर्फ सूचना देना नहीं, बल्कि हर महिला में सुरक्षा का आत्मबल भरना था—यही था पुलिस की असली जीत।
2. तीन प्रमुख स्थानों पर जागरूकता
नांगलोई बस स्टैंड, निगम प्राथमिक बालिका विद्यालय और सर्वोदय कन्या विद्यालय जैसे तीन अत्यधिक सक्रिय स्थान बने इस अभियान के केंद्र। रोजाना हजारों यात्रियों, स्कूली छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों तक पुलिस सीधे पहुंची।
3. इंटरेक्टिव पुलिसिंग: संवाद से बढ़ा विश्वास
शिष्टाचार स्क्वाड के पुलिसकर्मियों ने महिलाओं व स्कूली छात्राओं से वन-टू-वन बातचीत की। उन्होंने केवल लेफ्लेट ही नहीं बांटे, बल्कि पर्सनल सेफ्टी से जुड़े सवालों के जवाब, डेमो और यथार्थ केस भी बताए। इससे पुलिस व कम्युनिटी के रिश्ते मजबूत हुए।

4. 112 हेल्पलाइन और सुरक्षा ऐप्स की ट्रेनिंग
अभियान में सबसे बड़ा फोकस रहा महिलाओं को 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन, पुलिस ऐप्स और अन्य डिजिटल संसाधनों की रीयल ट्रेनिंग देना। छात्राओं और महिलाओं ने मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करना सीखा और हर विपरीत परिस्थिति में फोन नंबर याद रखने का संकल्प लिया।
5. सुरक्षा जागरूकता व आत्मरक्षा का संदेश
शिष्टाचार स्क्वाड ने लड़कियों और महिलाओं को बताया कि पब्लिक स्पेस में कैसे सतर्क रहें—किसी भी संदिग्ध व्यक्ति/घटना को कैसे नोटिस करें और रिपोर्ट करें। प्रैक्टिकल उदाहरणों से आत्मरक्षा की बुनियादी समझ बनाई गई।
6. रिपोर्टिंग की आदत और समय से एक्शन का महत्व
पुलिस ने छात्राओं को यह समझाया कि “शिकायत करने में डरना नहीं चाहिए”—बल्कि समय रहते सूचना देना सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। सही समय पर रिपोर्टिंग से अपराध रोका जा सकता है और कई बार अन्य महिलाओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।

7. सहभागिता और विश्वास निर्माण
अभियान में भाग लेने वाली महिलाओं से भी पुलिस ने सुझाव लिए, जिससे दोनों पक्षों में भागीदारी और भरोसे का माहौल बना। अल्पसंख्यक छात्राओं, ग्रामीण महिलाओं ने भी खुले मन से अपना फीडबैक पुलिस के साथ साझा किया।
8. स्कूल-कॉलेज की भूमिका
विद्यालयों व उच्चतर शिक्षण संस्थानों में ऐसे अभियान से किशोरी अवस्था में ही सुरक्षा के महत्व और आत्मसुरक्षा की आदत विकसित होती है। स्कूल प्रबंधन की सक्रियता और शिक्षकों की सहभागिता से सुरक्षा संस्कृति स्कूल कैम्पस से कम्युनिटी तक फैली।
9. पुलिस की रणनीतिक सोच
Outer District DCP सचिन शर्मा के नेतृत्व में यह स्क्वाड स्मार्ट पुलिसिंग, टेक्नोलॉजी और लोकल पुलिसिंग का संयोजन है। अभियान को स्केलेबल और निरंतर बनाना ही पुलिस का दीर्घकालिक लक्ष्य है।
10. परिणाम: जागरूकता, आत्मविश्वास और साझा जिम्मेदारी
अभियान का समापन एक स्पष्ट संदेश के साथ हुआ—सुरक्षा सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी है। आज नांगलोई की महिलाएं और छात्राएं कहा सकती हैं—‘सुरक्षा हमारी ताकत है, पुलिस हमारा साथी।’
| श्रेणी | विवरण |
|---|---|
| अभियान का नाम | नांगलोई महिला सुरक्षा अभियान / शिष्टाचार स्क्वाड |
| आयोजन तिथि | अक्टूबर 2025 |
| पुलिस टीम | Outer District Police, Shishtachar Squad |
| अभियान क्षेत्र | नांगलोई बस स्टैंड, निगम प्रथमिक बालिका विद्यालय, सर्वोदय कन्या विद्यालय |
| भाग लेने वाले | महिला यात्री, स्कूली छात्राएं, अभिभावक, शिक्षक |
| प्रमुख गतिविधियाँ | सुरक्षा लेफ्लेट बांटना, 112 हेल्पलाइन/ऐप की जानकारी, संवाद, सन्देश |
| जागरूकता विषय | आत्म-सुरक्षा, सतर्कता, समय पर रिपोर्टिंग, पुलिस-पब्लिक सहयोग |
| पुलिस संदेश | “महिला सुरक्षा—समाज और पुलिस की साझा जिम्मेदारी” |
| पुलिस अधिकारी | सचिन शर्मा (IPS), डीसीपी, आउटर डिस्ट्रिक्ट |
| अभियान की उपलब्धि | समुदाय में विश्वास, महिलाओं की जागरूकता और आत्मबल |
| आगे की योजना | अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इसी तरह का अभियान |
| प्रभाव | छात्राओं/महिलाओं में सुरक्षा का भाव, संवाद और सहभागिता |