दिल्ली शालीमार बाग लूट केस सुलझा। पुलिस ने 74 वर्षीय बुजुर्ग से लूट करने वाले 3 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया, 39 मामलों का खुलासा।

दिल्ली में 39 केस वाला लुटेरा गैंग चढ़ा पुलिस के हत्थे
दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी जिले की शालीमार बाग थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक ऐसे शातिर लुटेरा गैंग का पर्दाफाश किया है, जो राह चलते लोगों को अपना निशाना बनाता था। पुलिस ने इस गैंग के तीन कुख्यात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनका संयुक्त आपराधिक इतिहास 39 मामलों का है। इस गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने लूट और चोरी के चार संगीन मामलों को सुलझा लिया है। आरोपियों के कब्जे से पीड़ित का लूटा हुआ मोबाइल फोन और वारदात में इस्तेमाल की गई चोरी की स्कूटी भी बरामद की गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक आदर्श नगर थाने का घोषित ‘बुरा चरित्र’ (Bad Character – BC) है, जो इस गैंग का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
दिवाली पर मिठाई देने जा रहे 74 वर्षीय बुजुर्ग के साथ बर्बरता
यह दिल दहला देने वाली घटना 19 अक्टूबर 2025 की सुबह लगभग 8 बजे की है। शालीमार बाग के जनता फ्लैट्स निवासी 74 वर्षीय श्री राज किशन जैन अपनी बहन और बेटी को दिवाली की मिठाइयां देने के लिए पानीपत जा रहे थे। जब वे आदर्श नगर रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर पहुंचे, तो पीछे से दो अज्ञात व्यक्ति आए। इससे पहले कि श्री जैन कुछ समझ पाते, एक ने पीछे से उनका गला कसकर दबा दिया, जबकि दूसरे ने उनके हाथ से सोने की अंगूठी, पर्स (जिसमें ₹4,500 नकद और जरूरी दस्तावेज थे) और उनका मोबाइल फोन छीन लिया। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों लुटेरे मुख्य सड़क की ओर भागे, जहाँ उनका तीसरा साथी बिना नंबर प्लेट की स्कूटी पर उनका इंतजार कर रहा था, और तीनों मौके से फरार हो गए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: SHO और ACP की निगरानी में बनी विशेष टीम
एक बुजुर्ग नागरिक के साथ हुई इस सनसनीखेज वारदात की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। शालीमार बाग थाने में तुरंत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत FIR संख्या 565/25 दर्ज की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए, उत्तर-पश्चिमी जिले के डीसीपी श्री भीष्म सिंह (आईपीएस) के निर्देश पर, एसीपी/शालीमार बाग श्री राजबीर लांबा और एसएचओ/शालीमार बाग इंस्पेक्टर रामपाल के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में एसआई जोगेंदर, एसआई सुरेंदर, कांस्टेबल सुभाष और कांस्टेबल गोपेश को शामिल किया गया और उन्हें जल्द से जल्द मामला सुलझाने और आरोपियों को पकड़ने का काम सौंपा गया।
CCTV फुटेज और खुफिया नेटवर्क: कैसे पुलिस पहुंची अपराधियों तक?
पुलिस टीम ने अपनी जांच की शुरुआत घटनास्थल और उसके आसपास के इलाकों के CCTV फुटेज का विश्लेषण करके की। यह एक कठिन काम था, लेकिन टीम ने धैर्यपूर्वक कई घंटों तक फुटेज खंगाली। इसी दौरान, पुलिस को एक फुटेज में वारदात में इस्तेमाल की गई बिना नंबर प्लेट वाली स्कूटी और उस पर सवार तीन संदिग्ध युवक दिखाई दिए। पुलिस ने इस फुटेज को अपने स्थानीय मुखबिरों और खुफिया नेटवर्क के साथ साझा किया। तकनीकी निगरानी और मानवीय खुफिया जानकारी के आधार पर, पुलिस को जल्द ही इन संदिग्धों की पहचान और उनके संभावित ठिकानों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल गए।
आजादपुर में छापेमारी और 3 शातिर लुटेरों की गिरफ्तारी
एक बार पहचान की पुष्टि हो जाने के बाद, पुलिस टीम ने बिना कोई समय गंवाए आजादपुर इलाके में आरोपियों के कई संदिग्ध ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। पुलिस की इस तेज और सुनियोजित कार्रवाई के परिणामस्वरूप, तीनों शातिर लुटेरों को सफलतापूर्वक दबोच लिया गया। उनकी पहचान गौरव उर्फ हिमांशु (29 वर्ष), आशु उर्फ मलिक (26 वर्ष), और अरुण (24 वर्ष) के रूप में हुई, जो सभी आजादपुर के ही रहने वाले हैं। उनकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी थी, क्योंकि यह गैंग कई दिनों से इलाके में सक्रिय था।
कौन हैं ये लुटेरे? एक ‘BC’ और 39 मामलों का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला, तो वे हैरान रह गए। ये तीनों आदतन अपराधी थे और अपराध की दुनिया में इनके नाम नए नहीं थे:
- गौरव उर्फ हिमांशु: इसके खिलाफ लूट और आर्म्स एक्ट के 2 मामले पहले से दर्ज हैं।
- आशु उर्फ मलिक: यह गैंग का सबसे शातिर सदस्य है। इसके खिलाफ लूट और चोरी के 35 संगीन मामले दर्ज हैं। वह आदर्श नगर थाने का घोषित ‘बुरा चरित्र’ (Bad Character – BC) भी है।
- अरुण: इसके खिलाफ भी लूट और छीनाझपटी के 2 मामले दर्ज हैं।
इन तीनों पर संयुक्त रूप से 39 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि वे आसान और जल्दी पैसा कमाने के लिए अपराध की दुनिया में आए थे।
पूछताछ में हुए बड़े खुलासे: चोरी की स्कूटी और कई अन्य वारदातें कबूलीं
पुलिस की कड़ी पूछताछ के दौरान आरोपियों ने न केवल 74 वर्षीय बुजुर्ग से की गई लूट का गुनाह कबूल किया, बल्कि कई अन्य वारदातों में अपनी संलिप्तता का भी खुलासा किया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने पीड़ित राज किशन जैन का लूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद कर लिया। एक और बड़ा खुलासा यह हुआ कि वारदात में इस्तेमाल की गई स्कूटी भी चोरी की थी। यह स्कूटी सब्जी मंडी थाना क्षेत्र से चुराई गई थी, जिसके संबंध में एक ई-एफआईआर (E-FIR No. 026282/25) पहले से ही दर्ज थी। इस बरामदगी ने एक और मामले को सुलझाने में मदद की।
एक गिरफ्तारी से सुलझे 4 संगीन मामले
इस एक गिरफ्तारी ने दिल्ली पुलिस को चार अलग-अलग मामलों को सुलझाने में मदद की, जो इस गैंग की सक्रियता को दर्शाता है:
- FIR No. 565/25, थाना शालीमार बाग: 74 वर्षीय बुजुर्ग से लूट का मुख्य मामला।
- FIR No. 543/25, थाना महेंद्र पार्क: लूट और छीनाझपटी का एक अन्य मामला।
- FIR No. 548/25, थाना महेंद्र पार्क: एक और संगीन आपराधिक मामला।
- E-FIR No. 026282/25, थाना सब्जी मंडी: वारदात में इस्तेमाल की गई स्कूटी की चोरी का मामला।
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह गैंग और किन-किन वारदातों में शामिल रहा है।
क्या है पुलिस का ‘BC’ (Bad Character) सिस्टम?
इस मामले में ‘BC’ (बुरा चरित्र) शब्द का उल्लेख महत्वपूर्ण है। पुलिस अपने रिकॉर्ड में उन अपराधियों की एक सूची रखती है जो बार-बार अपराध करते हैं। ऐसे आदतन अपराधियों को ‘BC’ के रूप में चिह्नित किया जाता है और उन पर कड़ी नजर रखी जाती है। आशु उर्फ मलिक का ‘BC’ होना यह दर्शाता है कि वह कानून के लिए एक पुराना सिरदर्द था। इस सिस्टम से पुलिस को ऐसे अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने और किसी भी घटना के बाद संदिग्धों की पहचान करने में मदद मिलती है, जैसा कि इस मामले में हुआ।
बीट पुलिसिंग की सफलता और नागरिकों के लिए सबक
यह मामला दिल्ली पुलिस की बीट पुलिसिंग, तकनीकी निगरानी और मानवीय खुफिया जानकारी के प्रभावी समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। पुलिस टीम के अथक प्रयासों ने न केवल एक बुजुर्ग पीड़ित को न्याय दिलाया, बल्कि शहर को तीन खतरनाक अपराधियों से भी छुटकारा दिलाया। यह घटना नागरिकों के लिए भी एक सबक है कि वे हमेशा सतर्क रहें, खासकर त्योहारों के मौसम में। साथ ही, यह CCTV कैमरों के महत्व को भी उजागर करता है, जो अपराधियों को पकड़ने में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होते हैं। दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें ताकि अपराध को होने से पहले ही रोका जा सके।
| श्रेणी | विवरण |
|---|---|
| घटना का नाम | बुजुर्ग व्यक्ति से लूट |
| पुलिस स्टेशन | थाना शालीमार बाग, उत्तर-पश्चिमी जिला, दिल्ली |
| प्रेस विज्ञप्ति दिनांक | 24.10.2025 |
| घटना की तिथि व समय | 19 अक्टूबर 2025, सुबह 8:00 बजे |
| घटना स्थल | आदर्श नगर रेलवे स्टेशन का फुट ओवर ब्रिज |
| पीड़ित | श्री राज किशन जैन, उम्र 74 वर्ष, शालीमार बाग निवासी |
| लूटी गई वस्तुएं | सोने की अंगूठी, पर्स (₹4,500 नकद), मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज |
| अपराध का तरीका | दो लोगों ने पीछे से गला घोंटा और लूटपाट की, तीसरा स्कूटी पर इंतजार कर रहा था |
| कुल गिरफ्तार आरोपी | 3 |
| गिरफ्तार आरोपियों के नाम | 1. गौरव @ हिमांशु (29 वर्ष): 2 मामलों में शामिल। 2. आशु @ मलिक (26 वर्ष): 35 मामलों में शामिल, आदर्श नगर थाने का ‘BC’। 3. अरुण (24 वर्ष): 2 मामलों में शामिल। |
| आरोपियों का पता | आजादपुर, दिल्ली |
| बरामदगी | – पीड़ित का लूटा हुआ मोबाइल फोन। – वारदात में इस्तेमाल की गई चोरी की स्कूटी (थाना सब्जी मंडी से चोरी)। |
| सुलझाए गए मामले | कुल 4 मामले (शालीमार बाग का 1, महेंद्र पार्क के 2, और सब्जी मंडी का 1) |
| पुलिस टीम | SHO इंस्पेक्टर रामपाल, ACP राजबीर लांबा के पर्यवेक्षण में SI जोगेंदर, SI सुरेंदर, Ct सुभाष, Ct गोपेश |
| FIR संख्या | 565/25, थाना शालीमार बाग |