दिल्ली अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी गिरफ्तार। उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस ने महेंद्र पार्क से 2 ट्रांसजेंडर बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया जो अवैध रूप से रह रहे थे।

दिल्ली अवैध प्रवासन पर दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन
दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज कर दिया है। इसी कड़ी में, उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस के फॉरेनर सेल ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए थाना महेंद्र पार्क क्षेत्र से दो अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि ये दोनों ट्रांसजेंडर के वेश में रहकर अपनी पहचान छिपा रहे थे और दिन में भीख मांगने की आड़ में रात को अवैध गतिविधियों में लिप्त थे। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दिल्ली में 09 वांछित अपराधी गिरफ्तार – पुलिस की बड़ी कामयाबी
कैसे आए पुलिस की पकड़ में?
उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस को पिछले कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि जिले के कई इलाकों, विशेषकर जेजे कॉलोनियों और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में, बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं। इन सूचनाओं पर कार्रवाई करने के लिए, फॉरेनर सेल की एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में एसआई तपोश, एएसआई राजेंद्र, एएसआई विजय, हेड कांस्टेबल विक्रम, कपिल कुमार और महिला हेड कांस्टेबल शामिल थे। टीम ने इलाके में अपना खुफिया नेटवर्क सक्रिय किया और संदिग्धों पर नजर रखनी शुरू कर दी। इसी दौरान, टीम को महेंद्र पार्क इलाके में दो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की गतिविधियों पर शक हुआ।
ट्रांसजेंडर का वेश और दोहरी जिंदगी
पुलिस टीम ने जब इन दोनों पर नजर रखी, तो एक चौंकाने वाला सच सामने आया। ये दोनों ट्रांसजेंडर व्यक्ति दिन के समय ट्रैफिक सिग्नलों और बाजारों में भीख मांगते थे, जिससे किसी को उन पर शक नहीं होता था। लेकिन रात होते ही इनकी दुनिया बदल जाती थी। रात के अंधेरे में वे आपत्तिजनक और अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते थे, जिससे इलाके की शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था। पुलिस ने पूरी जानकारी जुटाने के बाद इन्हें पकड़ने की योजना बनाई।
गिरफ्तारी और पूछताछ में हुआ खुलासा
पुलिस टीम ने एक सुनियोजित ऑपरेशन में दोनों संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। जब उनसे उनकी पहचान और भारत में रहने के लिए वैध दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई भी कागज प्रस्तुत नहीं कर सके। कड़ी पूछताछ के बाद, उन्होंने स्वीकार किया कि वे बांग्लादेश के नागरिक हैं और कई साल पहले अवैध रूप से सीमा पार करके भारत में दाखिल हुए थे। उन्होंने अपनी असली पहचान छिपाने और आसानी से पैसा कमाने के लिए ट्रांसजेंडर का वेश धारण कर लिया था।
क्या-क्या हुआ बरामद?
गिरफ्तार किए गए दोनों बांग्लादेशी नागरिकों के कब्जे से पुलिस ने दो स्मार्टफोन बरामद किए हैं। इन फोनों की जांच करने पर पता चला कि उनमें प्रतिबंधित IMO ऐप इंस्टॉल था। वे इस ऐप का उपयोग भारत में अपने नेटवर्क और बांग्लादेश में अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने के लिए करते थे, ताकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उनकी बातचीत को ट्रैक न कर सकें। इसके अलावा, उनके पास से दो बांग्लादेशी पहचान पत्र भी जब्त किए गए हैं, जिनसे उनकी नागरिकता की पुष्टि हुई।
दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों का बढ़ता नेटवर्क
यह कोई अकेली घटना नहीं है। दिल्ली पुलिस पिछले कुछ महीनों से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ एक विशेष अभियान चला रही है। अकेले उत्तर-पश्चिमी जिले में ही पिछले सात महीनों में 245 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार कर उनके देश वापस भेजा जा चुका है। पुलिस जांच में पता चला है कि ये लोग अक्सर पश्चिम बंगाल की porous (आसानी से पार की जा सकने वाली) सीमा से भारत में दाखिल होते हैं और फिर देश के विभिन्न हिस्सों में फैल जाते हैं। दिल्ली में, वे अक्सर झुग्गी-झोपड़ियों और अनधिकृत कॉलोनियों में ठिकाना बनाते हैं ताकि वे आसानी से भीड़ में घुल-मिल सकें।
कानूनी कार्रवाई और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया
दोनों गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ विदेशी अधिनियम (Foreigners Act) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रत्यर्पित (Deport) करने के लिए डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया है। दिल्ली पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों को भारत में घुसने और यहां रहने में किसने मदद की। उस नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है जो इन घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराता है और उन्हें काम दिलाने में मदद करता है।
IMO ऐप: घुसपैठियों का पसंदीदा कम्युनिकेशन टूल
जांच में बार-बार सामने आया है कि अवैध अप्रवासी और अन्य अपराधी التواصل के लिए IMO जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। ये ऐप्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करते हैं और पारंपरिक कॉलिंग नेटवर्क की तुलना में इन्हें ट्रैक करना अधिक कठिन होता है। भारत में प्रतिबंधित होने के बावजूद, इन ऐप्स को VPN (Virtual Private Network) का उपयोग करके आसानी से चलाया जा सकता है। सुरक्षा एजेंसियां इस चुनौती से निपटने के लिए लगातार काम कर रही हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा
अवैध प्रवासन केवल एक जनसांख्यिकीय समस्या नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा है। अक्सर ये घुसपैठिए आपराधिक सिंडिकेट, जासूसी नेटवर्क और आतंकवादी संगठनों के लिए आसान लक्ष्य बन जाते हैं। वे देश के संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं और स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रही हैं।
पुलिस की सतर्कता और नागरिकों का सहयोग
उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई उनकी सतर्कता और व्यावसायिकता को दर्शाती है। ट्रांसजेंडर के वेश में छिपे अपराधियों को पहचानना और उन्हें गिरफ्तार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया। हालांकि, इस समस्या से पूरी तरह निपटने के लिए नागरिकों का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि वे अपने आस-पास किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि को देखते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। आपकी एक छोटी सी सूचना देश को एक बड़े खतरे से बचा सकती है।
| श्रेणी | विवरण |
|---|---|
| घटना का नाम | अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण |
| पुलिस इकाई | फॉरेनर सेल, उत्तर-पश्चिमी जिला, दिल्ली पुलिस |
| थाना क्षेत्र | महेंद्र पार्क |
| प्रेस विज्ञप्ति दिनांक | 22.10.2025 |
| गिरफ्तार आरोपी | 02 ट्रांसजेंडर व्यक्ति (बांग्लादेशी नागरिक) |
| पहचान का तरीका | ट्रांसजेंडर के वेश में रहकर पहचान छिपाना |
| आपराधिक गतिविधियां | दिन में भिक्षाटन (भीख मांगना) और रात में आपत्तिजनक अवैध धंधे |
| बरामदगी | – 02 स्मार्टफोन (जिनमें प्रतिबंधित IMO ऐप इंस्टॉल था) – 02 बांग्लादेशी पहचान पत्र |
| पुलिस टीम | एसआई तपोश, एएसआई राजेंद्र, एएसआई विजय, एचसी विक्रम, एचसी कपिल कुमार, और महिला एचसी |
| कानूनी कार्रवाई | विदेशी अधिनियम (Foreigners Act) के तहत मामला दर्ज |
| वर्तमान स्थिति | आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रत्यर्पण (Deportation) के लिए डिटेंशन सेंटर भेजा गया |
| खुलासा | आरोपी अवैध रूप से सीमा पार करके भारत में दाखिल हुए थे |
| पृष्ठभूमि | उत्तर-पश्चिमी जिले में पिछले 7 महीनों में 245 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। |
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