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खाकी में साहित्य साधना: 700+ कविताओं और दर्जनों गानों के रचनाकार

खाकी में साहित्य साधना: 700+ कविताओं और दर्जनों गानों के रचनाकार

खाकी में साहित्य साधना: 700+ कविताओं और दर्जनों गानों के रचनाकार मुकेश शर्मा अनमोल (वर्दीवाला कलमकार) दिल्ली पुलिस की सेवा के साथ-साथ साहित्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान देने वाले कवि हैं, जिन्होंने अब तक 700 से अधिक कविताएं और कई चर्चित गाने लिखे, मंच संचालन और टीवी चैनल्स पर काव्यपाठ कर विभिन्न राज्यों में पहचान बनाई है। उनकी रचनाएँ समाज, संस्कृति और सेवा का प्रभावशाली संगम प्रस्तुत करती हैं।

खाकी में साहित्य साधना: 700+ कविताओं और दर्जनों गानों के रचनाकार

खाकी में साहित्य साधना: दिल्ली पुलिस के हैड कांस्टेबल मुकेश शर्मा अनमोल की साहित्यिक यात्रा

हरियाणा के जिला चरखी दादरी में छोटे से गांव ढाणी फौगाट में एक किसान परिवार में 1988 में जन्मे और जनवरी 2010 में दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही अपनी सेवा शुरू करने वाले मुकेश शर्मा ने अपने दैनिक कर्तव्यों के निर्वहन के साथ साथ जब साहित्य के क्षेत्र में कदम रखा और अनमोल के नाम से कलम उठाई तो देखते ही देखते दिल्ली पुलिस में वर्दीवाला कलमकार के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं।

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इस समय हैड कांस्टेबल मुकेश शर्मा अनमोल थाना पश्चिम विहार ईस्ट में बतौर Reader to SHO एक जिम्मेदारी एवं व्यस्तता भरी ड्यूटी निभाते हुए भी निरंतर साहित्य साधना में लगे हुए हैं। मुकेश शर्मा अनमोल अब तक 700 से अधिक हिंदी व हरियाणवी कविताएं और गाने लिख चुके हैं।

अब तक 19 गाने रिलीज हो चुके हैं जिनमें मुख्यतः खाकीवाले, रक्तदान महादान, पुलिस एंथम, राम ही राम, ओ बहना, मैं हूं एक खाकीवाला आदि शामिल हैं। और तीन गाने पिता, गौमाता की आत्मकथा और खाटू नगरी जल्दी ही रिलीज होने वाले हैं।

यूट्यूब पर वर्दीवाला कलमकार चैनल पर सैंकड़ों वीडियो भी उपलब्ध हैं।
हैड कांस्टेबल मुकेश शर्मा अनमोल अब तक दिल्ली उत्तर प्रदेश हरियाणा आदि कई राज्यों में सैकड़ों मंचों के साथ साथ टीवी चैनलों पर काव्यपाठ और शानदार मंच संचालन कर चुके हैं और विभिन्न सम्मानों में अलंकृत हो चुके हैं।

खाकी में साहित्य साधना: 700+ कविताओं और दर्जनों गानों के रचनाकार

खाकी में साहित्य साधना: सोशल मिडिया इंस्टाग्राम, फेसबुक यूट्यूब तथा गूगल पर पुलिस वाला गायक यानि सिंगरकॉप अजित नाम से दिल्ली पुलिस का जवान सहायक उप निरीक्षक (ए०एस०आई०) अजित जो पिछले 30 वर्षों से दिल्ली पुलिस में रहते हुए दिल्ली के अलग अलग जिलों के ऑपरेशन सेल में रहकर कई अनसुलझे व चैलेन्जिंग केस को सुलझाने के कारण पुलिस विभाग से असाधारण कार्य पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं और अब विषेश प्रकोष्ठ में तैनात हैं।

अजित विभागीय कार्य को जिम्मेदारी से तो निभाते ही हैं साथ ही गायकी में भी रुचि रखते हैं। गायकी में रुचि रखने के कारण दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस कार्यक्रम पर कई बार इन्होंने दिल्ली के सुप्रसिद्ध कई ऑर्केस्ट्रा बैंड के साथ संगीतमय प्रस्तुती देकर तालियों को बटोरने का काम किया है, कार्यक्रम के दौरान ही उस समय के पुलिस आयुक्त महोदय मंच पर स्वयं आकर पीठ थपथपाकर इनकी गायकी को और भी आगे ले जाने के लिए आदेश देकर प्रोत्साहित किये।

फिर क्या था बचे समय में से संगीत में कुछ अपना करने का सोच लिया और अब तक लगभग चार दर्जन नये गीत गा चुके हैं जिसमें हिन्दी गीत-गज़ल-भजन, देशभक्ति गीत अलग-अलग म्यूजिक कंपनी जैसे टी-सीरीज, यूनिसेस म्यूजिक, सोनोटेक , भक्ति दरबार, रागा जोन म्यूजिक यूट्यूब चैनल पर गाना रिलीज किया जा चुका है

.. आप सा यार , महाकाल के पुजारी, खाकीवाले, काल-महाकाल, बोलो जय हनुमान, तिरंगा मेरी शान एवं जय माँ दुर्गे यूट्यूब के साथ-साथ अन्य म्यूजिक प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है। अजित मूलरूप से बिहार प्रदेश से हैं। आने वाले समय में भक्ति दरबार यूट्यूब चैनल के लिए नये नये गीत लाने वाले हैं।

खाकी में साहित्य साधना: 700+ कविताओं और दर्जनों गानों के रचनाकार

मंच, कविता और सेवा: एक सिपाही, एक कवि, एक प्रेरणा

इस समय दिल्ली पुलिस की 4th Batallian में तैनात हैड कांस्टेबल राहुल पाठक दिल्ली पुलिस की आर्केस्ट्रा बैंड का अहम अंग भी हैं। साल 2009 में दिल्ली में बतौर सिपाही भर्ती हुए राहुल पाठक मूलतः अलीगढ़ उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। बचपन से ही संगीत में रुचि रखने वाले राहुल पाठक को जब भी खाकी वर्दी पहने दिल्ली पुलिस के मंच पर गाना गाते हुए कोई भी सुनता है तो उनकी तारीफ किए बिना नहीं रहता।

दिल्ली पुलिस आर्केस्ट्रा बैंड में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले राहुल पाठक दिल्ली पुलिस में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए निरंतर संगीत साधना में भी लगे हुए हैं और सैकड़ों मंचों पर अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके हैं।

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