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1 ऐतिहासिक पहल: मुकुंदपुर में RSS के सद्भावना मंच से मुस्लिम भी जुड़े

ऐतिहासिक पहल: मुकुंदपुर में RSS के सद्भावना मंच से मुस्लिम भी जुड़े

ऐतिहासिक पहल मुकुंदपुर RSS भारतीय सद्भावना मंच कार्यक्रम में साध्वी कल्पना अरुधति की मौजूदगी में मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने RSS ज्वाइन किया। हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया गया।

ऐतिहासिक पहल: मुकुंदपुर में RSS के सद्भावना मंच से मुस्लिम भी जुड़े

मुकुंदपुर में RSS भारतीय सद्भावना मंच का आयोजन — साध्वी कल्पना अरुधति बोलीं, “एकता ही भारत की ताकत”

1. कार्यक्रम का परिचय

दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र के मुकुंदपुर इलाके में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा भारतीय सद्भावना मंच का आयोजन किया गया। इस आयोजन में समाज के हर वर्ग और धर्मों के लोग शामिल हुए। मंच का उद्देश्य था आपसी भाईचारा और एकता को मजबूत करना। मुख्य अतिथि मां साध्वी कल्पना अरुधति ने अपने प्रेरक संबोधन में प्रेम, सद्भाव और संस्कार को भारत की पहचान बताया।

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2. मुस्लिम समुदाय का सकारात्मक कदम

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी बात यह रही कि मुस्लिम समुदाय के दर्जनों लोगों ने RSS को ज्वाइन किया। यह कदम समाज में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है—जहाँ RSS अब आपसी प्रेम और एकता का संदेश बन रहा है। इसरत खान जैसे युवाओं ने RSS से जुड़कर कहा कि “RSS कट्टरता का प्रतीक नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतिनिधि संगठन है।”

ऐतिहासिक पहल: मुकुंदपुर में RSS के सद्भावना मंच से मुस्लिम भी जुड़े

3. साध्वी कल्पना अरुधति का संबोधन

भारतीय सद्भावना मंच की राष्ट्रीय संयोजिका साध्वी कल्पना अरुधति ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की ताक़त उसकी विविधता और संस्कृति में है। हमें नफरत नहीं, बल्कि सहयोग और भाईचारे का रास्ता चुनना चाहिए।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि जीवन में धर्म नहीं, मानवता सर्वोपरि होनी चाहिए।

4. कार्यक्रम का उद्देश्य और समाज पर संदेश

इस आयोजन का लक्ष्य सिर्फ RSS का प्रचार नहीं, बल्कि धर्मों के बीच सेतु बनाकर भारतीय संस्कृति के वास्तविक स्वरूप को समझाना था। मंच के माध्यम से लोगों को बताया गया कि भारत सदियों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना पर टिका है।

5. RSS प्रमुख के बयान से प्रेरणा

RSS प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान—“मुस्लिम भारत में पहले भी थे, हैं और रहेंगे”—ने इस कार्यक्रम को दिशा दी। इस विचार ने समाज में RSS की छवि को संतुलित और समावेशी बनाने में योगदान दिया। मुकुंदपुर का यह आयोजन उसी सोच का प्रतीक बन गया।

6. सामाजिक समरसता की पहल

भारतीय सद्भावना मंच जैसे कार्यक्रम भारत की सामाजिक जीवंतता को दर्शाते हैं। इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों ने मिलकर भाग लिया। महिलाओं से लेकर युवाओं तक सभी ने इसमें एक नई सोच के लिए समर्थन दिया।

7. स्थानीय लोगों की सहभागिता

मुकुंदपुर के स्थानीय नागरिक इस आयोजन में बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उनके अनुसार, यह आयोजन समाज को जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। लोगों ने साध्वी कल्पना अरुधति के शब्दों से प्रेरणा लेकर सामाजिक एकजुटता का संदेश फैलाने का संकल्प लिया।

8. मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया

कई मुस्लिम प्रतिभागियों ने कहा कि RSS को लेकर समाज में बनी धारणा बदलनी चाहिए। इसरत खान ने कहा, “हम देखते थे कि RSS सिर्फ हिंदुओं के लिए है, लेकिन अब समझ में आया कि यह संगठन राष्ट्र और इंसानियत के लिए है।”

9. कार्यक्रम का असर और संदेश

इस आयोजन से समाज में एक नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। मंच पर हुए संवाद से लोगों ने महसूस किया कि भारत की सच्ची पहचान एकता और आदर में है। साध्वी कल्पना अरुधति के संदेश “प्रेम ही धर्म है” ने उपस्थित जनसमूह को भावुक कर दिया।

10. निष्कर्ष: एकता, सद्भाव और जागरूकता का संगम

मुकुंदपुर में हुआ यह कार्यक्रम इस तथ्य को सिद्ध करता है कि आज भी भारत में सबको जोड़ने की शक्ति शब्दों में नहीं, कर्मों में है। भारतीय सद्भावना मंच की इस पहल ने दिखा दिया कि RSS अब सिर्फ संगठन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का मिशन बन चुका है।

श्रेणीविवरण
कार्यक्रम का नामभारतीय सद्भावना मंच (RSS द्वारा आयोजित)
आयोजन स्थलमुकुंदपुर, बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र, नई दिल्ली
आयोजन की तिथिअक्टूबर 2025
आयोजक संस्थाराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)
विशेष अतिथिमाँ साध्वी कल्पना अरुधति (राष्ट्रीय संयोजिका, भारतीय सद्भावना मंच)
मुख्य उद्देश्यसमाज में एकता, सद्भाव, भाईचारा और राष्ट्रभक्ति को बढ़ावा देना
महत्वपूर्ण उपलब्धिदर्जनों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने RSS ज्वाइन किया
प्रमुख वक्तव्य“भारत की ताकत उसकी विविधता और संस्कृति में निहित है।” – साध्वी कल्पना अरुधति
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ– मुस्लिम समुदाय की सहभागिता
– एकता और भाईचारे का संदेश
– राष्ट्र प्रेम का आह्वान
RSS प्रमुख का प्रभावमोहन भागवत के हालिया बयान के बाद RSS की नीति में सकारात्मक बदलाव
स्थानीय जनता की प्रतिक्रियास्थानीय निवासियों ने इसे समाज में आपसी भाईचारे के प्रतीक कार्यक्रम के रूप में सराहा
आयोजक की प्रेरक अपीलसमाज में नफरत नहीं, बल्कि प्रेम और सहयोग की भावना को बढ़ावा दें
रिपोर्ट तैयार करने वालेअवधेश कुमार, मुकुंदपुर, बुराड़ी

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